गुरु अर्जुन देव का 414 वां शहीदी दिवस मनाया गया
गुरू जी तेरा भाना मीठा लागे हर नाम पदार्थ नानक मांगे कहकर शहीद हो गए।
बस्ती : मानवता कल्याण के लिये सिख इतिहास में अपनी पहली कुर्बानी देने वाले शहीदों के सरताज शांति एवं बानी के पुंज गुरू ग्रन्थ साहिब के रचयिता गुरू अर्जुन देव जी का 414 वां शहीदी दिवस मंगलवार को मनाया गया।
लॉकडाउन का पालन करते हुए शालीनता एवं प्रेम श्रद्धा के साथ अपने-अपने घरों में रहकर ही मनाया गया। 40 दिन से घरों पर ही सुखमनी साहिब पाठ नित्य होता रहा और उनको याद किया जाता रहा। पूर्वांचल सिख फेयर सोसायटी के अध्यक्ष सरदार जगबीर सिंह जी ने बताया कि 1606 में रावी तट के किनारे पहले गर्म उबलते पानी में डाला गया गुरू जी टस से मस नहीं हुए। अमृत पाल सिंह सनम, ओमप्रकाश अरोरा, जयप्रकाश अरोरा, बलजीत सिंह पप्पू, ज्ञानी प्रदीप सिंह जी, हरदीप सिंह, दमन प्रीत सिंह इंद्रपाल सिंह सन्नी, सरबजीत सिंह सानू, अमृत पाल सिंह डिप्टी, सत्विदर सिंह राजा मंदीप सिंह मनी, अमनदीप सिंह रिक्की, हरी सिंह आदि मौजूद रहे।