मजदूरों की मनरेगा जेसीबी के हवाले
जेसीबी से कार्य कराने पर होगी कार्रवाई
बस्ती: मजदूरों की मनरेगा अब जेसीबी के हवाले हो गई है। विक्रमजोत विकास खंड के ग्राम पंचायत बस्थनवां में रात दिन एक कर जेसीबी से मनरेगा के कार्य कराए जा रहे हैं। यह तो सिर्फ बानगी है। क्षेत्र के अन्य ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा, मजदूरों से छिन गई है। इसमें जिम्मेदारों की मौन सहमति भी है। मशीनों से हो रहे कार्य पर सरकार के नुमाइंदे मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। बस्थनवां गांव के उत्तर दिशा में विश्राम गुप्ता के खेत से नेदुला गांव की सीमा तक चकरोड प्रस्तावित है। इसे मनरेगा के तहत बनवाया जाना था। कच्चा कार्य होने की वजह से ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र के जाबकार्डधारकों से कराया जाना था। उन्हें घर बैठे रोजगार मिल सके। कितु खुद के लाभ के चक्कर में जिम्मेदारों ने उनसे उनका यह हक छीन लिया। इस चकरोड का निर्माण जेसीबी से शुरू करा दिया गया। ग्रामीणों की मानें तो पांच दिन से दिन, रात जेसीबी से खोदाई कर मिट्टी पाटने का काम कराया जा रहा है। यह कोई पहली बार नहीं हो रहा इसके पहले भी गांव के बाहर बने कई कच्ची सड़को को जेसीबी से रात्रि में बनवाया गया था। सेक्रेटरी अवधेश जायसवाल कुछ बोलने से कतरा रहे हैं तो विक्रमजोत के बीडीओ उमाशंकर सिंह का कहना है कि जेसीबी से काम होने की सूचना उन्हें नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।