महिलाओं को छोटा व सुखी परिवार के लिए किया गया प्रेरित
कार्यक्रम में योग्य दंपती को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि छोटा और सुखी परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाया जाना क्यों जरूरी है। परिवार नियोजन के साधन भी दंपती को उपलब्ध कराए गए। जिला महिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में काउंसलर आशा सिंह ने महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी।
बस्ती : महिला अस्पताल की सीएमएस डा.सुषमा सिन्हा समेत जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षकों की देखरेख में गुरुवार को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। यहां पहुंचीं महिलाओं को छोटा व सुखी परिवार के लिए प्रेरित किया गया, साथ ही इसके फायदे भी बताए गए।
कार्यक्रम में योग्य दंपती को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि छोटा और सुखी परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाया जाना क्यों जरूरी है। परिवार नियोजन के साधन भी दंपती को उपलब्ध कराए गए। जिला महिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में काउंसलर आशा सिंह ने महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी। ज्यादातर महिलाएं अंतरा इंजेक्शन के बारे में जानकारी चाह रही थीं। जिन महिलाओं के दो या तीन बच्चे थे, उन्हें नसबंदी की सलाह दी गई। खुशहाल परिवार दिवस हर महीने की 21 तारीख को मनाया जाता है। इस बार 21 तारीख को अवकाश होने के कारण यह 22 जुलाई को मनाया गया। योग्य दंपती को अस्पताल लाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गई थी।
अस्पतालों में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआइसी) को निर्देशित किया गया था कि कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए आयोजन कराएं। आने वाले लोगों के लिए हाथ धोने के लिए साबुन-पानी व सैनिटाइजर की व्यवस्था कराई गई थी। लोगों को परिवार नियोजन के साथ ही कोविड के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें टीका लगवाने की भी सलाह दी गई। एसीएमओ डा. फखरेयार हुसैन का कहना है कि अब जबकि कोविड केस में कमी आ गई है, परिवार नियोजन के कार्यक्रम पर विभाग का विशेष जोर होगा। पुरुष नसबंदी के लिए भी आगे आ रहे लोग
खुशहाल परिवार दिवस के दौरान की जा रही काउंसिलिग का असर देखने को मिल रहा है। पुरुष नसबंदी के प्रति भी रुझान बढ़ रहा है। इस सत्र में अब तक दो पुरुषों ने नसबंदी कराई है। इसमें एक भानपुर व सदर ब्लाक में हुई है। 17 महिलाओं ने नसबंदी कराई है। पिछले वर्ष 13 पुरुष नसबंदी, 1899 महिला नसबंदी, 4035 महिलाओं द्वारा अंतरा इंजेक्शन, 7009 ने प्रसव पश्चात आइयूसीडी को अपनाया। 18143 ने साप्ताहिक छाया गोली का इस्तेमाल किया। कोविड के कारण परिवार नियोजन कार्यक्रम पर असर पड़ा है।