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देश की प्रगति के लिए तैयार करना होगा अपना उत्पाद

दैनिक जागरण की पहल पर डीएफओ से मिले विद्यार्थी दिए जरूरी टिप्स कोरिया में शिक्षा के जरिये आई समृद्धि।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 10:36 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:36 PM (IST)
देश की प्रगति के लिए तैयार करना होगा अपना उत्पाद

जागरण संवाददाता, बस्ती : देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू की जयंती अवसर पर आयोजित हो रहा दैनिक जागरण का बाल संवाद कार्यक्रम विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। हर दिन कोई न कोई सफल व्यक्ति अपने अनुभव और ज्ञान से उनके ज्ञान चक्षु को खोलने का प्रयास कर रहा है। शनिवार को विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों की मुलाकात प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन विभाग (डीएफओ) नवीन प्रकाश शाक्य से वन विहार में कराई गई। खुले वातावरण में बौद्धिक चर्चा देर तक चली। विद्यार्थियों ने अपने करियर से जुड़े हर सवाल उठाए। कार्यक्रम में प्रैक्सिस विद्या पीठ, सावित्री विद्या विहार, देल्ही स्कूल आफ एक्सीलेंस, आरसीसी पब्लिक स्कूल, शाइन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, गजाधर सिंह अंगद सिंह एकेडमी हर्रैया, एसएनबी इंटर कालेज डुहवा मिश्र हर्रैया के विद्यार्थी शामिल हुए। प्रस्तुत है सवाल- जवाब। प्रश्न : हम अपने पर्यावरण को कैसे संरक्षित करें। इसके लिए हमें क्या करना चाहिए ?

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प्रतिज्ञा पांडेय, कक्षा- 9

उत्तर : पृथ्वी पर जल, जंगल, प्राणी सभी का संतुलन बनाए रखना है। जंगल उजाड़कर खेती नहीं कर सकते। पौधारोपण में भिन्नता होनी चाहिए। प्रकृति के हिसाब से उन्हीं पौधों को लगाया जाए जिनके लिए जलवायु अनुकूल हो।

प्रश्न : अपने सुनहरे भविष्य के लिए आपने संघर्ष की शुरुआत कब से प्रारंभ की?

अर्पिता सिंह, कक्षा- 10

उत्तर : मैंने छप्पर में रहकर पढ़ाई की है। आइटीआइ से स्नातक और फिर यूपीएससी की परीक्षा भी पास की। सबसे पहले हमें अनुशासित होना जरूरी है। विवादित कार्यो से दूर रहना होगा। कोई करियर चुने उस पर कम से कम आठ घंटे समय जरूर दें। पढ़ाई हो, कला, डांसिग या अन्य कोई भी क्षेत्र।

प्रश्न : आइएएस बनने के लिए हमें क्या हुनर रखना चाहिए?

प्रतिज्ञा पांडेय, कक्षा- 9

उत्तर : सबसे जरूरी है अपने आसपास के क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी रखना। करंट इश्यूज के बारे में भी जानिए। स्नातक के साथ अखबार, मैगजीन के जरिये करंट इश्यूज पढ़ते रहिए। अब समय बदल गया है कि इंटरनेट पर तैयारी से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध है। बस इच्छा शक्ति होनी चाहिए।

प्रश्न : आपके जीवन में सबसे बड़ा योगदान किसका रहा, देश का विकास कैसे होगा?

प्रशांत प्रजापति, कक्षा- 10

उत्तर : सर्वाधिक योगदान माता-पिता का था। संसाधन न होने के बाद भी पूरा सपोर्ट किए।

अच्छे टीचर का सानिध्य मिला तो पढ़ाई में रूचि और बढ़ गई। आप खुद का विकास करिए, देश का विकास अपने आप होगा। हमें इंडस्ट्री को बढ़ावा देना होगा। अपना सामान बनाए। चार सौ साल पहले हमारे देश के काटन कपड़ा इंगलैंड की महारानी पहनती थी। प्रत्येक विद्यार्थी क्षमतावान है। अपने भविष्य का निर्धारण स्वयं करें।

प्रश्न : भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगेगा?

अमन कुमार गौतम, कक्षा-10

उत्तर : खुद ईमानदार बने। स्वयं भ्रष्टाचार न करें। लोग खुद नहीं सुधरते हैं। यही सबसे बड़ी कमी है। यदि आप अपने हक से ज्यादा कुछ भी अर्जित करोगे तो सोसाइटी यानी समाज का नुकसान होगा।

प्रश्न : विद्यार्थी जीवन में भटकाव की स्थिति कई बार आती है। इससे कैसे बचा जाए?

स्नेहा साहू, कक्षा- 10

उत्तर : स्वयं अनुशासित रहिए। तभी उद्देश्य की पूर्ति होगी। बैडमिटन खिलाड़ी पीवी सिधु को जानिए और उनसे अनुशासन सीखिए।

प्रश्न : आइएएस की तैयारी सबसे बेस्ट जगह कौन सी है?

महक अग्रवाल, कक्षा- 10

उत्तर : ऐसा कुछ भी नहीं है। घर से भी तैयारी की जा सकती है। वैसे दिल्ली में इसका माहौल ज्यादा है।

प्रश्न : अनुभव और नालेज में कौन महत्वपूर्ण है?

शाश्वत गुप्ता, कक्षा- 10

उत्तर : दूसरों की गल्तियों से भी अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। खुद गलती करके अनुभव मत प्राप्त करें। नालेज सबसे जरूरी है।

प्रश्न : आत्म निर्भर भारत कैसे बनेगा, क्या फालो होना चाहिए?

देवांग शुक्ल, कक्षा- 10

उत्तर : आप खुद विकसित होइए। स्टीफन हाकिग खुद बनिए। जरा सोचिए, हमारे यहां हर चीज विदेश से आयातित हो रही है। अपना प्रोडक्शन होगा तो देश मजबूत बनेगा।

प्रश्न : राजा का बेटा राजा बनता है। नालेज के हिसाब से ओहदा मिलना चाहिए?

प्रमुग्धा गुप्ता, कक्षा- 10

उत्तर : एक समय था जब वरासत में राजा का पद मिलता था। अब ऐसा नहीं है। नालेज पर ही सब निर्भर है। प्रतिभा को बहुत दिनों तक छिपाया नहीं जा सकता। इन्होंने भी किया सवाल

श्रेया सिंह, आर्य मिश्र, अभिषेक पांडेय, अबू शाद खान, अनस अंसारी, नेहा अग्रहरि, विदिशा सिंह, अंशिका पांडेय, रवि वर्मा, मनीष चौरसिया, मो. कैफ, मनीष ने सवाल पूछे। विद्यार्थियों को कुछ यूं समझाया

सवाल-जवाब के दौरान डीएफओ ने कहा कि अपनी कमी इल्जाम धनाभाव पर न मढ़े। काबिलियत रहेगी तो सभी दरवाजे खुले मिलेंगे। यदि किसी के पास रुपये नहीं है और आइआइटी में आता है तो हम पैसे खर्च करेंगे। कोरिया हमारे ही साथ स्वतंत्र हुआ था। वहां खाने के नहीं थे लेकिन पढ़ाई पर सभी ने जोर दिया। पांच करोड़ की आबादी वाला देश आर्थिक समृद्धि के मामले में किसी से कम नहीं है। हमारे पास खाने को है लेकिन हम पढ़ते नहीं है। विल गेट्स कालेज के अनुत्तीर्ण विद्यार्थी थे लेकिन इच्छा शक्ति के बदौलत शिखर पर पहुंचे। इन्होंने की कार्यक्रम की सराहना

दैनिक जागरण का यह कार्यक्रम मन को खूब भाया है। हम लोग डीएफओ सर से मिलकर उनसे बहुत कुछ सीखे हैं। उन्होंने ज्ञान भी दिया और स्नेह भी।

श्रेया सिंह, कक्षा- 10, देल्ही एक्सीलेंस आफ स्कूल। सफल व्यक्ति का मार्गदर्शन मिलने से जीवन में परिवर्तन जरूर आता है। दैनिक जागरण की पहल पर हम डीएफओ सर से संवाद कर सुखद अनुभूति कर रहे हैं।

विदिशा सिंह, कक्षा- 10, प्रैक्सिस विद्या पीठ। दैनिक जागरण का बाल संवाद कार्यक्रम हम लोगों के लिए सुनहरा अवसर है। मन में उठ रहे सवालों का जवाब एक सफल व्यक्ति से मिल रहा है।

प्रतिज्ञा पांडेय, कक्षा- 9, एसएनबी इं. कालेज हर्रैया दैनिक जागरण ने यह कार्यक्रम चलाकर एक अनूठा पहल किया है। सचमुच जब हम जीवन के नए मोड़ पर खड़े हैं तो अधिकारियों का सटीक मार्गदर्शन लाभदायक साबित हो रहा है।

नित्या पांडेय, कक्षा- 9, गजाधर सिंह अंगद सिंह एकेडमी हर्रैया दैनिक जागरण के प्रयास पर हमें पहली एक अनुभवी और योग्य अधिकारी के रूप में डीएफओ सर से मिलने का अवसर मिला है। सभी सवालों का उन्होंने सटीक उत्तर दिया है।

नेहा अग्रहरि, कक्षा- 10, आरसीसी पब्लिक स्कूल। यह शिक्षक रहे मौजूद

श्याम नारायण पांडेय, एनएन पांडेय, अमृत, मनीष यादव, आकाश वर्मा, राकेश यादव मौजूद रहे।


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