अतिक्रमण में जकड़ा शहर, यातायात की रफ्तार धीमी
आठ किमी लंबाई वाला यह शहर अतिक्रमण से चहुंओर घिरा हुआ है।
बस्ती : आठ किमी लंबाई वाला यह शहर अतिक्रमण से चहुंओर घिरा हुआ है। प्रमुख मार्ग हो या बाजार शहरी यातायात हर रोज अपनी बहाली के लिए घने अतिक्रमण से जिद्दोजहद करता है। चौक-चौराहा सब जाम का हब बन जाते हैं। यात्री उलझन में रहते हैं। मनमुताबिक समय में दो-तीन किमी की यात्रा नहीं हो पा रही है। कहीं फुटपाथ पर पटरी व्यवसायियों की धूम तो कहीं सड़क पर बड़े प्रतिष्ठानों के वाहन स्टैंड बन गए हैं। बि¨ल्डग मैटेरियल का व्यापार भी सड़क पर हो रहा है। सामान लोड अनलोड करने के लिए छोटे-बड़े वाहन सब सड़क पर खड़े हो रहे है। कौन है जो शहर की सड़कों पर सरपट निकल सकता है। सुबह-शाम तो स्थिति और विकट हो जाती है। गांधीनगर, पांडेय बाजार, रोडवेज और कटरा में तो वाहनों के पहिए थम जाते हैं। इस बीच साइलेंसर से धुएं उड़ाते हैं। जाम में धूल, धूप, बरसात सभी का सामना यात्रियों को करना पड़ता है। अपना शहर अतिक्रमण से मुक्त कब होगा, इस सवाल पर हर कोई निरूत्तर है। दैनिका जागरण की पड़ताल में बुधवार को यह हकीकत सामने आई।
---------------------
गांधीनगर में अतिक्रमण ला-इलाज
आइए, ले चलते हैं गांधीनगर। कंपनीबाग से रोडवेज तक तकरीबन तीन किमी लंबी सड़क है। यह शहर की हृदय स्थली कहा जाता है। दो डिग्री कालेज, आठ प्रतिष्ठित माध्यमिक स्कूल के अलावा सब्जी मंडी, गल्ला मंडी, और पक्के बाजार इस मार्ग पर स्थित हैं। शहरी आवागमन भी यहां ज्यादा रहता है। विकास के नाम पर सड़क के बीचोबीच डिवाइडर और दोनों तरफ पटरी बनी हुई है। पटरियां लुप्त हैं। मुख्य बाजार पक्के चौक पर ही बड़े प्रतिष्ठान हैं। पटरियों पर ग्राहकों के वाहन स्टैंड हैं। ठेले और गुमटी व्यवसायियों की धमाचौकड़ी हर समय रहती है। पुलिस बूथ भी यहां सड़क की पटरी पर है। जिससे सड़क सकरी हो गई है। आवागमन बहाल होते ही यातायात की दुर्गति हो जाती है। डिवाइडर के दोनों तरफ छोटे बड़े वाहन रेंगते नजर आते हैं।
------------------------
मालवीय मार्ग पर भी चलना दूभर
शहर का दूसरा प्रमुख मालवीय मार्ग है। यहां अभी हाल ही में डिवाइडर और इंटरला¨कग फुटपाथ बनाए गए हैं। फुटपाथ पर चाय पान की गिमटियां रखी हुई हैं। पटरियों पर बालू, मोरंग और सरिया रखकर बि¨ल्डग मैटिरियल का व्यापार किया जा रहा है। भारी वाहन यहां सड़क पर ही आकर लोड और अनलोड होते हैं। रोडवेज बसों का संचलन भी इसी मार्ग से होता है। अतिक्रमण के चलते आए दिन यहां भी जाम की समस्या खड़ी हो रही है। यह सबकुछ नगर पालिका और पुलिस ड्यूटी में हो रहा है।
-----------------------
रोडवेज पर सड़क ठेला व्यवसायियों के कब्जे में
रोडवेज पर सरकारी बसों की धूम रहती है। सड़क की पटरियां फल और सब्जी के ठेलों के कब्जे में है। देर शाम तक यह व्यवसाय अपने अस्थाई दुकानों के साथ जमे रहते हैं। जाम लगना स्वाभाविक है। यहां तो रात में भी पटरियां खाली नहीं होती हैं। दिन के ठेले हटते है तो रात में चाय के ठेले लग जाते है। यहां खाकी वर्दी भी आकर रुकती है। चाय की चुस्कियां ली और आगे बढ़ ली।
----------------------
पांडेय बाजार में खीझ रहीं ¨जदगी
पांडेय बाजार यानी जरूरत न पड़े तो जाने से परहेज। सुर्तीहट्टा, डुमरियागंज और मेंहदावल रोड पर थोक कारोबारियों की भरमार है। सभी व्यवसाय पूरे दिन सड़क पर होते हैं। छोटे-बड़े लोडर वाहन यहां सड़क पर ही खड़े रहते हैं। रेलवे फाटक बंद होते ही करूआ बाबा से लेकर पांडेय बाजार चौराहे तक जाम लग जाता है। कस मकस में यात्री फंसे रहते हैं। यहां हर कोई खीझ उठता है।
----------------------
जल्द चलाया जाएगा अभियान
अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी चल रही है। प्रशासन से समन्वय स्थापित कर जल्द ही इस पर प्रभावी कार्रवाई होगी। वैसे ट्रैफिक पुलिस और ट्रैफिक सिग्नल के जरिए यातायात व्यवस्था संचालित की जा रही है।
आलोक ¨सह, सीओ यातायात, बस्ती।