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गंदगी व अतिक्रमण से बेहाल शहर का सबसे महत्वपूर्ण बाजार

100 से अधिक घरों में शौचालय नहीं, खुले में जाने को विवश

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 09:41 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 09:41 PM (IST)
गंदगी व अतिक्रमण से बेहाल शहर का सबसे महत्वपूर्ण बाजार
गंदगी व अतिक्रमण से बेहाल शहर का सबसे महत्वपूर्ण बाजार

बस्ती : शहर की हृदय स्थली पक्के बाजार गांधीनगर उपेक्षा का शिकार है। मुख्य बाजार होने के बाद भी सुविधाओं से दूर है। यहां के नागरिक भी इस व्यवस्था से आजिज आ गए हैं। सबसे अधिक समस्या यहां की आधी आबादी को हो रही है। शाम होते ही शराब के शौकीनों का भी जमावड़ा लगता है। घनी आबादी में ही नियमों को ताक पर रखकर मदिरा का ठेका चलाया जा रहा है।

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वार्ड संख्या 10 माली टोला में पक्के बाजार है जो यहां के मुख्य बाजार की पहचान है। सफाई व्यवस्था यहां न के बराबर है। गंदगी से उठती दुर्गंध सांस लेने में तकलीफ दे रही है। 100 से अधिक परिवार ऐसे हैं जो घर में शौचालय न होने की वजह से खुले में जाते हैं। झूलते बिजली के तार दुर्घटना को दावत देते हैं। यहां का सुलभ शौचालय भी जर्जर हालत में हैं। मुख्य सड़क सहित गलियां अतिक्रमण की चपेट में हैं। गांधीनगर चौकी के सामने ही अतिक्रमण के चलते रास्ता जाम हो जाता है। पेयजल के लिए आज भी लोग खुद की ही व्यवस्था पर निर्भर हैं। यहां वाटर सप्लाई का पाइप घरों तक नहीं पहुंचा है। जहां पाइप है भी वहां काफी समय से नलकूप खराब होने के कारण पानी नहीं पहुंच रहा है। गल्ला मंडी, सब्जी मंडी व सराय मंडी सब जगह एक जैसी हालत है। यहां अधिकांश दुकानें पटरी पर ही चलती हैं जिससे राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कूड़ा तो कदम-कदम पर देखने को मिलेगा। टूटी सड़क, ध्वस्त और ढक्कन विहीन नाली यहां की सबसे बड़ी समस्या है।

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ऐसे पड़ा पक्के बाजार नाम

गांधीनगर पक्का बाजार का नाम वर्षों से यहां के सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। आजादी के बाद गांधीनगर क्षेत्र में इकलौती एक पुरानी बि¨डग थी जो पकी ईंट व सीमेंट से बनी थी। इसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम पक्के हो गया। जो चलन में आ गया। अब हर कोई इस क्षेत्र को पक्के बाजार के ही नाम से जानता है।

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यहां जमीन से लेकर आसमान तक समस्याएं

- वार्ड में कहीं भी सफाई नहीं होती है। बिजली के लटके तारों से हमेशा डर बना रहता है। सबसे बड़ी समस्या आबादी क्षेत्र में शराब की दुकान से है। यहां आए दिन शोर-शराबा होता है। इससे निजात मिलनी चाहिए।

मंजू धवन

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- रास्तों को लेकर वार्ड में सबसे बड़ी मुसीबत है। अतिक्रमणकारी कदम-कदम पर अपना डेरा जमा लिए हैं, इससे आसानी से आना-जाना दूभर हो गया है। नगर पालिका को चाहिए कि टैक्स के अनुसार व्यवस्था भी सुनिश्चित करे।

लक्ष्मी देवी

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- वार्ड के तुर्कहिया तालाब में गंदगी अधिक है। नाली का निर्माण न होने से लोगों के घरों का पानी उसी में जा रहा, इसके ओवर फ्लो होने पर गंदा पानी घरों में भर जाता है। कई के घर तो गिरने के कगार पर हैं। मलिन बस्ती में यह समस्या सर्वाधिक है।

अखिलेश पासवान

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- कूड़ा समय से उठाया जाए। कचरा फैलाने व अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई हो। पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं, यहां हैंडपंप लगने चाहिए। प्रकाश व्यवस्था और बेहतर हो, जर्जर पोल व तार बदले जाएं।

मो. हसन लल्लू,

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नलकूप रिबोर कराने के लिए प्रस्ताव पास हो गया है। अमृत योजना में हर घर को पानी देने का लक्ष्य है। कूड़ा प्रतिदिन उठता है, हालांकि इसमें स्थानीय लोगों का सहयोग नहीं मिलता है। शौचालय और मंडी की मरम्मत के लिए प्रयास चल रहा है। बिजली के 20 पोल लगवाए जाएंगे। अतिक्रमण का मुद्दा बोर्ड में रखा जाएगा। हर घर में शौचालय बनवाने का प्रयास चल रहा है।

दिनेश गुप्ता, सभासद माली टोला गांधीनगर

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व्यवसायिक भूमि से अवैध कब्जा जल्द हटवाया जाएगा। अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे। लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वार्ड से जो प्रस्ताव आएं है, उस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। नागरिक सुविधाएं और बेहतर की जाएंगी। सफाई नियमित होती है। लोगों को भी सहयोग करना चाहिए।

डा. मणि भूषण तिवारी, ईओ नगर पालिका

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वार्ड की स्थिति पर एक नजर

वार्ड की जनसंख्या 11585

घरों की संख्या 2000

मतदाताओं की संख्या 6000

सफाई कर्मचारी 8

कूड़ा उठाने का वाहन 2

नलकूप 1

सार्वजनिक शौचालय 1

सामुदायिक शौचालय 0

इंडिया मार्क हैंडपंप 5

वाटर पोस्ट 0

चिकित्सा पोस्ट 0

हाईमास्ट लाइट 0

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