बिन मछली पानी में बह गई योजना
6 साल पहले आरइडी ने कराया था निर्माण
बस्ती: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हाईवे पर बड़ेवन ओवरब्रिज के निकट आदर्श मत्स्य हाट का निर्माण 6 साल पहले हुआ था। 10 लाख रुपये की लागत से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की ओर से बनवाए गए इस हाट में आज तक मछली की दुकानें नहीं लगी, जिससे सरकार का 10 लाख रुपये पानी में चला गया। निर्माण के बाद से ही यह अनुपयोगी साबित हो रहा है।
मछुआरों को फुटपाथ पर रखकर मछली की बिक्री न करनी पड़े इसके लिए 6 वर्ष पूर्व 10 दुकान का मत्स्य हाट स्वीकृत हुआ था। शहर से सटे मड़वानगर ग्राम पंचायत में बड़ेवन ओवरब्रिज के निकट हाट के लिए जमीन तो मिली, मगर वह पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में विभाग ने पांच कक्ष का मत्स्य हाट बस्ती में तो पांच का हर्रैया में निर्माण कराया। बस्ती में निर्मित पांच दुकानों का निर्माण पूरा होने के बाद मत्स्य विभाग ने मछली विक्रेताओं को मामूली किराए पर दुकानें लगाने को कहा। हाट शहर से बाहर होने के कारण दुकानदार इसके लिए राजी नहीं हुए। वह अभी कंपनीबाग चौराहे के पास ही सड़क किनारे मछली की दुकानें लगाते हैं।
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बदहाल होता जा रहा भवन
मत्स्य हाट का भवन अनुपयोगी होने और देखरेख न होने के कारण बदहाल होता जा रहा है। परिसर में झाड़ झंखाड़ के साथ ही बरामदे की फर्श टूट गई है। बिजली की वाय¨रग भी उखड़ गई है। टायलेट में लगा यूरीनल और वाश बेसिन टूट गया है।
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काफी प्रयास के बाद भी मछली दुकानदार मत्स्य हाट में दुकान लगाने को राजी नहीं हैं। शहर के बाहर होने से वह हाट में दुकान लगाने से कतरा रहे हैं।
संदीप वर्मा, प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, बस्ती।