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विकास के दावे पर समस्याओं का ढेर

झूलते बिजली के तार, टूटी नाली व बदहाल सड़क बनी पहचान

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:49 PM (IST)
विकास के दावे पर समस्याओं का ढेर
विकास के दावे पर समस्याओं का ढेर

बस्ती : लोग गांव से आकर शहर में इसलिए अपना ठिकाना बनाते हैं, कि यहां बेहतर सुविधा मिलेगी। यह सच भी है, पर यहां नगर पालिका की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में जिम्मेदार फेल हो गए हैं। अब शहर के गांव-गोड़िया मोहल्ले को ही देख लें। यहां झूलते विद्युत तार, टूटी नालियां, सड़क पर जमा गंदा पानी, जर्जर-बदहाल सड़क यानी नागरिक सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं। जलनिकासी का ठोस प्रबंध न होने से नागरिक लंबे समय से परेशानी झेलते रहे हैं। घरों में शौचालयों का अभाव होने के कारण लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। पेयजल व्यवस्था भी बदहाल है। घनी आबादी में कूड़ा डंप हो रहा, इससे उठती दुर्गंध सांस लेने में तकलीफ दे रही है। मच्छरों का प्रकोप इतना अधिक है कि शाम होते ही लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है। हाल यह है कि 11 माह से विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई गई है। अमृत योजना के तहत पुराने वाटर पोस्ट पर टोटी लगाकर नए का भुगतान लेने का खेल चल रहा है। लोगों तक पेयजल सुविधा नहीं पहुंच पा रही है। जबकि सरकारी योजना के तहत वार्ड में नई पाइप लाइन डालकर हर 5 मीटर पर वाटर स्टैंड पोस्ट लगाया जाना है। मकबूल नगर में नालियों के ध्वस्त होने से समस्या बढ़ गई है।

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जल निकासी का न होना सबसे बड़ा संकट

शहरी क्षेत्र में मानक के मुताबिक सुविधाएं देने में स्थानीय जनप्रतिनिधि और नगर पालिका प्रशासन फेल है। नाली निर्माण होते ही टूट जा रही है, जल निकासी की समस्या वर्षों से बनी हुई है। हल्की बारिश में ही घरों में पानी घुस जाता है।

सत्येंद्र चौधरी

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- गंदगी इतनी है कि दुर्गंध के चलते सांस लेने में दिक्कत होती है। बाहर कूड़ा गिराने के बजाए घनी आबादी में गिराया जा रहा, जो संक्रामक बीमारी को दावत दे रहा। बिजली के झूलते तार सबसे बड़ी समस्या हैं, कब किसके ऊपर गिर जाएं कहना मुश्किल है।

मो. रफीक

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- वार्ड का प्रमुख मार्ग चननी गांव को जोड़ता है, यह काफी जर्जर हो गया है। गिट्टी उखड़ कर बिखर गई है। लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। जलजमाव की समस्या लंबे समय से है, इसका स्थायी समाधान होना जरूरी है।

राकेश

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- शाम होते ही वार्ड की गलियां अंधेरे में डूब जाती हैं, अधिकतर स्ट्रीट लाइटें कई साल से खराब हैं। मच्छरों का प्रकोप इतना अधिक है कि जीना मुश्किल हो गया है। छह-छह माह हो जाते हैं न फा¨गग होती है, न ही एंटी लार्वा का छिड़काव होता है।

अख्तर हुसैन राजू

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11 माह हो गए बजट नहीं मिला। केवल सफाई कार्य हो रही है। अमृत योजना में नियम विरूद्ध कार्य हो रहा। नाली पहले की बनी है, जलनिकासी की व्यवस्था दूर करने के लिए प्रयास चल रहा। ईओ से वार्ता हुई है। कूड़ा जहां गिर रहा है, वहां पर मिट्टी डलवाई जाएगी। फा¨गग होती है। जर्जर सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा, पोल की डिमांड की गई है।

मो. अहमद सज्जू, सभासद गांव-गोड़िया

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वार्ड की स्थिति पर एक नजर

सफाई कर्मचारी 5

कूड़ा उठाने का वाहन 1

इंडिया मार्क हैंडपंप 5

प्राथमिक विद्यालय 2

सार्वजनिक शौचालय 0

सामुदायिक शौचालय 0

हाईमास्ट 0

मतदाता 4345

जनसंख्या 6206

घरों की संख्या 267


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