डीएम का आदेश बेमानी, नहीं आया नहर में पानी
पंप कैनाल की नहीं हो पाई अब तक सफाई किसान परेशान टेल तक पानी पहुंचाने का दावा साबित हो रहा खोखला
जागरण संवाददाता, रखौना, बस्ती : नहरों की सफाई व मरम्मत कार्य 15 दिसंबर तक पूर्ण करने को लेकर जिलाधिकारी का आदेश बेमानी साबित हो रहा है। 15 दिसंबर के बाद किसानों के खेतों तक नहर का पानी आसानी से पहुंचे इसके लिए डीएम ने नवंबर में ही सिचाई और नलकूप खंड के अधिकारियों को निर्देशित किया था।
नहर में पानी आने की बात कौन कहे तिलहवा में स्थापित पंप कैनाल के नहर की सफाई तक नहीं हो पाई है। नहर में झाड़ियां उगी हैं। पटरियां भी कई जगह क्षतिग्रस्त हैं। किसान नहर में पानी आने का वर्षों से इंतजार कर रहे है। नहर सूखी है जबकि विभाग टेल तक पानी पहुंचाने की बात कर रहा है । कागज में 13.4 किमी लंबी यह नहर खेतों में हरियाली फैलाने का कार्य कर रही है। मुख्य नहर प्रतापपुर हाइड्रिल तथा माइनर पिपरागौतम इंटर कालेज तक है। नहर झाडि़यों से ढकी हुई है। रजली से प्रतापपुर के बीच कई जगह नहर की पटरी टूट गई है। ऐसे में नहर का पानी टेल तक पहुंचना संभव नहीं है ।
मनरेगा के भी खर्च हो गये 6.5 लाख एक माह पूर्व नहर की सफाई व मरम्मत के नाम पर मनरेगा से 6.5 लाख का भुगतान हो गया। कागज में हेड से रजली गांव के पास तक पांच किमी नहर की सफाई कराई गई। सफाई के नाम पर महज बड़ी झाडि़यां काट दी गई। सिल्ट व झाडि़यां नहर के पानी को आगे बढ़ने में अवरोधक बनी हुई हैं। बिजली कटौती बन रही बाधक पंप कैनाल को मिलने वाली विद्युत कटौती भी नहर के पानी को टेल तक पहुंचाने में बाधक साबित हो रही है। यदि निर्वाध रुप से बिजली मिले तो टेल तक पानी पहुंचे। पहले कैनाल का फीडर अलग था तो नहर का पानी रजली गांव के आगे तक पहुंचता था। जब से ग्रामीण फीडर हो गया तब से कटौती के चलते पानी आगे बढ़ ही नहीं पा रहा है।
पांच किमी तक नहर की सफाई कराई गयी है। आगे का भी एस्टीमेट तैयार किया गया है। रजली गांव के पास तक नहर का पानी पहुंच रहा है। धर्मेंद्र यादव,अवर अभियंता नलकूप खंड