जेई-एईएस वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स वेतनवृद्धि से वंचित
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) योजना के तहत तैनात स्टाफ नर्सो ने आरोप लगाया है कि पटल लिपिक के चलते सभी स्वास्थ्य कर्मी एरियर और बोनस से वंचित हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर कहा है कि नवंबर 2015 में तैनाती हुई थी। तभी से वेतन भुगतान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। यही नहीं कोई बोनस भी आज तक नहीं दिया गया है। यह कर्मियों के अधिकारों का हनन है। मांग किया है कि पांच साल का एरियर और बोनस का भुगतान जल्द कराया जाए। सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि पत्र मिला है। इस संबंध में संबंधित लिपिक से जवाब मांगा गया है।
बस्ती : जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) की रोकथाम के लिए जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में तैनात स्टाफ नर्स विभागीय उपेक्षा की शिकार हैं। पांच साल से इन्हें वेतनवृद्धि का कोई भी लाभ नहीं दिया गया है। जिससे इनमें गहरा आक्रोश है।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) योजना के तहत तैनात स्टाफ नर्सो ने आरोप लगाया है कि पटल लिपिक के चलते सभी स्वास्थ्य कर्मी एरियर और बोनस से वंचित हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर कहा है कि नवंबर 2015 में तैनाती हुई थी। तभी से वेतन भुगतान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। यही नहीं कोई बोनस भी आज तक नहीं दिया गया है। यह कर्मियों के अधिकारों का हनन है। मांग किया है कि पांच साल का एरियर और बोनस का भुगतान जल्द कराया जाए। सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि पत्र मिला है। इस संबंध में संबंधित लिपिक से जवाब मांगा गया है।
संविदा कर्मियों को नहीं मिला मानदेय
जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात वार्ड ब्वाय को पिछले आठ माह से मानदेय नहीं मिल पाया है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
कर्मियों ने कहा है कि लगातार प्रयास के बाद भी मानदेय नहीं जारी किया जा रहा है। इधर दीपावली पर्व भी नजदीक है। ऐसे में मानदेय नहीं मिला तो दीपावली फीकी रह जाएगी। प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल से जल्द मानदेय जारी करने की मांग की है। वहीं एसआइसी डा. रोचिस्मति पांडेय ने बताया कि मानदेय के लिए डिमांड भेजा है। बजट आने पर संबंधित कर्मियों का मानदेय जारी कर दिया जाएगा।