अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों पर दें विशेष ध्यान
पोषण अभियान के तहत गोद लिए गए गाव सिकटा पहुंचे डीएम
बस्ती: जिलाधिकारी डा. राजशेखर ने गुरुवार को कप्तानगंज विकास खंड के सिकटा गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान गांव में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। डीएम ने इन बच्चों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग के पोषण मिशन के तहत तीन साल पहले जिलाधिकारी की ओर से गोद लिए इस गांव में अचानक डीएम गुरुवार को अधिकारियों के साथ पहुंच गए। गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पर 0 से 5 वर्ष तक के 61 बच्चे पंजीकृत पाए गए। इनमें 56 सामान्य, 4 कुपोषित और 1 अतिकुपोषित पाए गए। कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को बेहतर पोषण और देखभाल सुनिश्चित कराने के लिए निर्देश दिया गया। कहा कि उन्हें बेहतर पोषण और विशेष देखभाल सुनिश्चित कर 6 से 12 महीने की अवधि में सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाया जाए।
वजन और ऊंचाई से संबंधित रजिस्टर की जांच करने पर पाया गया कि पिछले 11 महीने में अति कुपोषित लाल श्रेणी के बच्चे की ऊंचाई और वजन में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं दिखा, जो माता-पिता, बाल कल्याण विभाग और जिला प्रशासन के लिए ¨चताजनक है। डीएम ने सीएचसी कप्तानगंज के डाक्टर को निर्देश दिया कि वे सभी कुपोषित और अतिकुपोषित 5 बच्चों के रक्त और मूत्र के नमूने एकत्र करें। इसे पैथोलोजी प्रयोगशाला में जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक चिकित्सा उपचार शुरू करके रिपोर्ट करें। डीएम ने सीएमओ और जिला कार्यक्रम अधिकारी को 10 अक्टूबर तक जिले के सभी अतिकुपोषित'लाल श्रेणी'बच्चों के रक्त और मूत्र का परीक्षण कराने के लिए निर्देशित किया। डीएम ने डीपीओ से बस्ती जिले के सभी लाल श्रेणी के बच्चों के संबंध में हर महीने के 7 वें दिन मासिक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा। डीएम ने स्वच्छता मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण की कार्य प्रगति की समीक्षा की। निर्मित और निर्माणाधीन शौचालयों के 8 से 10 साइट का दौरा किया। बेस लाइन सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसार इस गांव में 83 शौचालयों का निर्माण किया जाना है। गुरुवार तक 72 शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका था। बीडीओ ने डीएम को बताया कि इस गांव में 7 प्रधान मंत्री आवास हैं और वे सभी पूरे हो गए हैं। प्राथमिक विद्यालय में कुल 135 बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन विद्यालय में केवल एक ही शिक्षक तैनात मिले। डीएम ने इस लापरवाही के लिए बीईओ को चेतावनी दी। ग्राम प्रधान व बीईओ, बीडीओ से तत्काल स्कूल के रखरखाव का काम ( सफेदी, रोशनी, पंखे, खिड़की और दरवाजे की मरम्मत) 2 सप्ताह में पूरा कराने को कहा।