साहब! कब आएगी हमारे स्वेटर की बारी.
कड़ाके की ठंड में कांप रहे बचे महज 71 फीसद आपूर्ति
बस्ती : साहब यह व्यवस्था सरकारी है। न जाने कब रहमत बरसेगी। तब तक स्थिति और बिगड़ जाए तो किसे फिक्र है। जी हां बेसिक शिक्षा विभाग में ऐसे ही चल रही है महत्वाकांक्षी योजनाएं। परिषदीय बच्चों को ठंड में स्वेटर मिलने थे। तैयारी पहले से थी। धन का बंदोबस्त था और निविदा भी हुई। 30 नवंबर तक स्वेटर बंट जाने थे। अभी तक महज 71 फीसद ही स्वेटर की आपूर्ति हो पाई है। बिना स्वेटर ठंड में कांपते हुए स्कूल जा रहे बच्चे पूछ रहे हैं साहब! कब आएगी हमारे स्वेटर की बारी.।
कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है। बड़े-बुजुर्ग भी लुढ़के तापमान में हिल जा रहे हैं। लेकिन अभी परिषदीय बच्चे स्वेटर पाने की बारी का इंतजार कर रहे हैं। बच्चे बगैर स्वेटर के कांपते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। वजह विधाता ने इन्हें गरीबी सौगात में दी है। सरकार ने रहम किया तो यह उन तक पहुंचे कैसे? जब व्यवस्था से जुड़े जिम्मेदार ही संवेदनशील नहीं है। जिले में प्राइमरी एवं जूनियर बच्चों की कुल संख्या 196530 है। अभी तक 140537 स्वेटरों की आपूर्ति हुई है। 55993 बच्चों को अभी भी स्वेटर का इंतजार है।
------------------
तीन बार विभाग और एक बार डीएम ने दी नोटिस
जेम पोर्टल के जरिये हाथरस की फर्म मेसर्स गायत्री फूड प्राइवेट लिमिटेड से स्वेटर आपूर्ति का विभाग ने अनुबंध किया था। समय अवधि का अनुबंध बीतने पर बीएसए स्तर से तीन नोटिस दी गई। अभी हाल में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने नोटिस जारी करते हुए 18 दिसंबर तक शतप्रतिशत आपूर्ति की हिदायत दी थी। इसका भी कोई असर संबंधित फर्म पर नहीं पड़ा।
-----------------
गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
आपूर्ति किए जा रहे स्वेटरों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। रुधौली के सुभाष कुमार ने बताया कि उनके बच्चे को स्वेटर मिला है लेकिन वह कहने भर को है। उससे ठंड से बचाव नहीं हो पाएगा।
----------------
आपूर्ति फर्म को नोटिस दी जा चुकी है। अब पेनाल्टी की कार्रवाई होगी। सुधार नहीं हुआ तो ब्लैक लिस्टेड भी किया जाएगा।
अरुण कुमार शुक्ल, बीएसए।