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गुरु अर्जुनदेव का 415 वां शहीदी दिवस श्रद्धा से मनाया गया

पूर्वांचल सिख वेलफेयर सोसाइटी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सरदार जगबीर सिंह ने कहा गुरु जी शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। वे अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे जो दिन-रात संगत सेवा में लगे रहते थे। उनके मन में सभी धर्मो के प्रति अथाह स्नेह था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:27 PM (IST)
गुरु अर्जुनदेव का 415 वां शहीदी दिवस श्रद्धा से मनाया गया
गुरु अर्जुनदेव का 415 वां शहीदी दिवस श्रद्धा से मनाया गया

बस्ती : शहीदों के सरताज शांति एकता के प्रतीक सिखों के पांचवे गुरु और गुरु ग्रंथ साहब के रचयिता गुरु अर्जुन देव का 415 वां शहीदी दिवस बड़े ही श्रद्धा एवं सादगी के साथ मनाया गया। कोविड प्रोटोकाल के चलते लोगों ने घर में ही गुरु को याद कर नमन किया तो गुरुवाणी का पाठ किया गया।

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पूर्वांचल सिख वेलफेयर सोसाइटी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सरदार जगबीर सिंह ने कहा गुरु जी शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। वे अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे, जो दिन-रात संगत सेवा में लगे रहते थे। उनके मन में सभी धर्मो के प्रति अथाह स्नेह था। मानव-कल्याण के लिए उन्होंने आजीवन शुभ कार्य किए। अमृतसर पंजाब में पवित्र हरिमंदिर साहिब के नाम से विश्व प्रसिद्ध गोल्डन टेंपल के पास बने सरोवर में लाखों लोग स्नान कर अपने दुख दूर करते हैं ओर पवित्र होते हैं। सरोवर की स्थापना गुरु अर्जन देव ने कराई थी। गुरु ने पानी की कमी को देखते हुए अमृतसर शहर में कई और सरोवर को खोदवाए थे। कोरोना से दिवंगत हुए लोगों की आत्मा की शांति व मानव कल्याण के लिए अरदास की गई।

11 साल से बंद है साधन सहकारी समिति,किसान परेशान

क्षेत्र के कुचेला गांव में स्थापित साधन सहकारी समिति 11 वर्षों से बंद पड़ी है। किसानों को मजबूरन बाजार में दुकानों से महंगी दरों पर खाद-बीज लेनी पड़ रही है।

वर्ष 1969 में स्थापित साधन सहकारी समिति जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते 2011 से बंद पड़ी है। तभी से किसानों को खाद और बीज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें समय से न तो खाद और न ही बीज मिल रहा है। ऐसे में वह दुकानों से खाद और बीज लेने के लिए विवश है। इस ओर न तो जन प्रतिनिधियों का ध्यान पड़ रहा है न ही जिम्मेदार सुधि ले रहे है। किसान भगवत गुप्ता,हरिओम द्विवेदी,हरिश्चन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद सहकारी समितियों के द्वारा ही कराती है। मगर समिति बंद होने से ऐसा नहीं हो पा रहा है। समिति बंद होने से भवन व गोदाम भी जर्जर हो चुके हैं। किसान मुलायम यादव,सूरज चौधरी, राजेश कुमार ने कहा कि समिति बंद होने से मजबूरन उर्वरक निजी विक्रेताओं से लेना पड़ता है। समिति को जल्द से जल्द संचालित कराने की मांग की है।


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