रमजान में अर्श से फर्श तक रहमतों की बारिश
ईदगाहों और मस्जिदों पर अता की गई नमाज
बस्ती : रमजान के महीने में अर्श से फर्श तक रहमतों की बारिश होती है। मुसलमानों का फर्ज है माह भर रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करें। सुबह सेहरी खाने के बाद लोगों ने नेक नियति से रोजा रखा। अल्लाह की याद में नमाज अदा की गई। ईदगाहों और मस्जिदों पर अकीदतमंदों की नमाज के वक्त भीड़ जुट रही है। बीमारियों से महफूज रहने के लिए, रहमतों की बारिश और अमन-चैन की खातिर दुआएं मांगी गई। दुनियाभर के मुसलमानों को इस पाक महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। हाफिज रफीक ने बताया कि रमजानुल मुबारक का पवित्र महीना मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहवसल्लम की उम्मत का महीना है। इस महीने में रोजेदार को बेशुमार पुण्य मिलता है। जयविजय निवासी हाफिज अकबर अली ने बताया कि जो भी मुसलमान शिद्दत के साथ रब्बे कायनात की इबादत और कुरआन शरीफ की तिलावत करता है उस रोजेदार के गुनाह ऐसे धुल जाते हैं जैसे साफ पानी में गंदा कपड़ा धुल जाता है। दुनिया में गुनाह करने वाला इंसान अपने मन में यह जरूर सोचता है कि अच्छे, बुरे कार्यों का जवाब खुदा देता है। इसलिए गुनाहों से तौबा करने का मौका माह-ए-रमजान से अच्छा कोई हो नहीं सकता है।
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