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फसल बचाने के लिए खेत में लगा रहे मच्छरदानी

फसल की रखवाली किसानों पर भारी पड़ रही है। जाड़े की कड़कड़ाती ठंड में जब लोग परेशान हैं

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:02 PM (IST)
फसल बचाने के लिए खेत में लगा रहे मच्छरदानी
फसल बचाने के लिए खेत में लगा रहे मच्छरदानी

बस्ती: फसल की रखवाली किसानों पर भारी पड़ रही है। जाड़े की कड़कड़ाती ठंड में जब लोग रजाई में रात बिताते हैं तब अपनी सब्•ाी की ़फसल की रखवाली के लिए किसान खेत में मचान पर होते हैं। खेत के चारो ओर बांस के टुकड़े गाड़ कर मच्छरदानी की बाड़ बनाने के बावजूद बेसहारा और जंगली पशु फसल तबाह कर दे रहे हैं।

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डेढ़ दशक पूर्व मुंडेरवा क्षेत्र में सब्जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता था। नीलगाय और जंगली सुअरों की बढ़ती संख्या के चलते सब्जियों की खेती का रकबा लगातार घट रहा है। बड़ी संख्या में किसान अब सब्जी की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। गिने -चुने गांवों में जिनकी जोत छोटी है और सब्जी के अलावा अन्य कोई खेती कर नहीं सकते वही अब सब्जी की खेती कर रहे हैं। उमरी ,अहरा ,तुकरलिया,खंता-ससना ,रानीपुर,कोहंड़वा ,कबरा,उदयपुर, कुसम्हा आदि गांवों में सब्जी की फसल के चोरो तरफ मच्छरदानी की बाड़ और मचान देखा जा सकता है। उमरी के गौरीशंकर बताते हैं कि मात्र दस बिस्वा रकबा में आलू ,पालक और मूली की फसल है जिसकी 24 घंटे रखवाली करनी पड़ रही है। इसी गांव के रामजन्म लहसुन और प्याज की अच्छी खेती करते हैं यह भी अब नाम मात्र की खेती कर रहे हैं।


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