15 साल पुरानी मार्जिन मनी पर खाद बेच रहे व्यापारी
बस्ती : खाद कारोबार से जुड़े व्यापारियों के लिए इन दिनों उनके सामने कई संकट हैं। एक तो
बस्ती : खाद कारोबार से जुड़े व्यापारियों के लिए इन दिनों उनके सामने कई संकट हैं। एक तो प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन से बिक्री करने की, दूसरे 15 साल पुरानी व्यवस्था के अनुसार काम करने की बाध्यता से व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। कंपनियां अभी भी 15 साल पहले तय हुई मार्जिन मनी पर कार्य करा रहीं। इधर डीजल के दरों में लगातार इजाफा के बाद किराए में भारी-भरकम बढ़ोत्तरी हुई है। जिसमें मार्जिन मनी काफी साबित हो रहा है।
खाद बिक्री के लाइसेंसी व्यापारियों को कंपनी से डीलर-टू-फार्म 15 साल पहले की तय मार्जिन मनी 20 रुपये प्रति बोरी की दर से दिए जाते हैं। यदि डीलर को खाद लोड कर गोदाम से खुद की दुकान पर ले जाना हो तो उसका किराए ही अधिक हो जाता है। इससे उनकी आमदनी घट गई है। व्यापारियों का कहना है कि मार्जिन मनी बढ़ नहीं रही है, ऊपर से इतना नियम-कानून है कि कमर टूट जा रही है। कम दूरी वाले दुकानदारों का कुछ मुनाफा हो जाता है, लेकिन दूर-दराज के दुकानदार की मार्जिन मनी किराए में खर्च हो जाती है।
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जिले में खाद दुकानों की स्थिति
जनपद में खाद की 1428 दुकानें हैं। इसमें 1053 दुकान निजी हैं, जबकि 375 सहकारी समितियां हैं। यहां से यूरिया समेत अन्य खाद की बिक्री होती है। सभी दुकानों पर पीओएस मशीन की सुविधा है।
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डीलर को 20 रुपये मार्जिन मनी दी जाती है। यह दर करीब 15 साल पुरानी है। अभी सरकार और कंपनियों की ओर से मार्जिन मनी बढ़ाने का कोई विकल्प नहीं है। खाद की बिक्री पीओएस मशीन से ही किए जाने का निर्देश है।
संजेश कुमार श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी