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संस्कृति को बचाने के लिए संगठित होने की जरूरत

कई ऐसे देश हैंजिनकी संस्कृति मिट गई। इसके पीछे वहां समूह में कार्य करने की क्षमता ही नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:52 PM (IST)
संस्कृति को बचाने के लिए संगठित होने की जरूरत
संस्कृति को बचाने के लिए संगठित होने की जरूरत

जागरण संवाददाता,पैकोलिया, बस्ती : समाज की समृद्धि से ही देश समृद्ध होता है। कोई भी देश अपनी संस्कृति को भुलाकर न तो समृद्ध बन सकता है और न शक्तिशाली। यह बात आरएसएस के स्थापना दिवस और विजयादशमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जिला बौद्धिक प्रमुख अजय अग्निहोत्री ने कही। उन्होंने भीटी मिश्र में एक विद्यालय में हुए कार्यक्रम में अपनी संस्कृति को लंबे समय तक जीवंत रखने के लिए प्रेरित किया। कहा कि कई ऐसे देश हैं,जिनकी संस्कृति मिट गई। इसके पीछे वहां समूह में कार्य करने की क्षमता ही नहीं थी। संगठित होकर ही देश को मजबूत किया जा सकता है। अध्यक्षता ध्रुव नारायण सिंह ने की। इस दौरान संतोष सिंह, जिला कार्यवाहक, सच्चिदानंद द्विवेदी, विनय सिंह भारद्वाज, राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी, संतोष केसरवानी, दीपांशु सिंह अर्जुन वर्मा, रतिराम यादव, विवेक सिंह, सुरेंद्र वर्मा मौजूद रहे।

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