दरवाजे पर पड़ा है धान, बंद हो गए क्रय केंद्र
आढ़तियों के हाथों कम कीमत पर धान को बेचने को किसान मजबूर
बस्ती : धान की सरकारी खरीद इस बार निर्धारित तिथि के पहले ही बंद कर दी गई है। तमाम किसान धान बेचने के लिए परेशान है। छत व दरवाजे पर धान पड़ा हुआ है। जिन किसानों का धान खरीदा गया उनमें बहुत से किसानों को भुगतान ही नहीं मिल पाया है। गौर ब्लाक क्षेत्र में बभनान सेमरा में धान खरीदने के लिए क्रय केंद्र खोला गया था जो निर्धारित समय से पहले ही बंद हो गया। क्रय केंद्रों पर खरीद एक नवंबर से शुरू होकर 28 फरवरी तक होनी थी। इस वर्ष एक फरवरी को ही खरीद बंद कर दी गई। आठ हजार क्विटल लक्ष्य के सापेक्ष महज साढ़े छह हजार क्विटल ही धान की खरीद हो पाई है। किसान संतोष कुमार चौधरी, नंदलाल वर्मा, का कहना है कि क्रय केंद्र पर पहले तो किसानों की तौल देर से शुरू की जाती है बाद में जब भीड़ बढ़ जाती है तो धान बेचने की मारा-मारी मच जाती है। ऐसे में बहुत से किसान अगली फसल की तैयारी के लिए अपनी कुछ उपज बेच कर तत्काल काम चला लेता है। बाद में जब भीड़ कम हो जाती है तो क्रय केंद्रों पर बेचता है। तुलसीराम, ननकन सिंह का कहना है कि उनके धान की खरीद नहीं हो पाई है। उपज बेचने के लिए कई बार क्रय केंद्रों का चक्कर लगाए पर नंबर न आने के कारण वे अपनी उपज नहीं बेच पाए। बाद में जब फरवरी में किसानों की भीड़ कम हुई तो अचानक बिना किसी सूचना के क्रय केंद्र ही बंद हो गया। ऐसे में उन्हें अब आढ़तियों के हाथों औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर हैं।
इस संबंध में डिप्टी आरएमओ गोरखनाथ ने बताया कि प्रदेश में धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया था जिसके चलते पूरे प्रदेश में खाद्य विभाग के क्रय केंद्र एक फरवरी को बंद कर दिए गए।