प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार बन गई मनरेगा
17 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को भी मिला रोजगार - मनरेगा से 1206 ग्राम पंचायतों में चल रहे 4298 कार्य
बस्ती : लॉकडाउन में काम छिनने से परेशान मजदूरों और शहर से गांव पहुंचे प्रवासी श्रमिकों के जिले में मनरेगा मददगार बन गई है। मनरेगा से अब तक 17 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं 13712 प्रवासी परिवारों का जॉबकार्ड भी बनाया जा चुका है। तीन जून तक जनपद में मनरेगा से 1.37 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा चुका है।
प्रदेश सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के साथ ही गांव के गरीब परिवारों को ग्राम पंचायतों में मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन द्वारा जिले के सभी ग्राम पंचायतों में आठ मई से मनरेगा के तहत कार्य शुरू कराने और बाहर से आए प्रवासी मजदूरों का जाब कार्ड बनाकर उन्हे रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। इसके तहत अब तक जिले में प्रवासी मजदूरों से गांव में काम के लिए आवेदन मांगे गए। उपायुक्त श्रम एवं रोजगार इंद्रपाल सिंह के अनुसार जिले के 1235 ग्राम पंचायतों में से 1206 में मनरेगा के तहत 4298 काम चल रहा है। जिन गांवों में काम नहीं शुरू हो पाया है वहां भी हर हाल में काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
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1.37 लाख मजदूरों को मिला रोजगार
जिले में अब तक 1.37 लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जा चुका है। इसमें 17163 प्रवासी श्रमिक हैं। मनरेगा श्रमिकों को 13 करोड़ 92 का भुगतान भी किया जा चुका है। उपायुक्त ने बताया कि सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे गांवों में मौजूद प्रवासी श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाएं।