मखौड़ा में उतारी गई मनोरमा की आरती
मखधाम की महिमा अपार विदुगद्याचार्य
बस्ती: मखौड़ा (मखधाम) और मनोरमा की महिमा शास्त्रों-वेद पुराणों ने गायी है। पुण्य सलिला मनोरमा जीवनदायिनी है। यही वह स्थान है, जहां महाराज दशरथ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया था। यह बात अयोध्या बड़ा स्थान के महंत विदुगद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहीं। वह मखक्षेत्र मित्र मंडल की ओर से मखौड़ा तट पर आयोजित मां मनोरमा की महाआरती से पूर्व श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।। मखौड़ा में नदी तट पर मां मनोरमा की महाआरती के बाद लोगों ने नदी की धारा को अविरल व निर्मल बनाने का संकल्प लिया। इससे पहले मित्र मंडल के पदाधिकारियों की अगुवाई में नदी तट की सफाई की गई। नागा हरिदास, पवन दास, यज्ञाचार्य विष्णु देव, महंत सूर्य नारायण दास वैदिक, रामसेवक वर्मा, रामपाल मिश्र, रक्षाराम, राम शंकर सिंह, महेंद्र पांडेय, विद्यावती पांडेय व अमित कुमार मौजूद रहे।
84 कोसी परिक्रमा एवं चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर मखौड़ा धाम में आयोजित दो दिवसीय पौराणिक मेला शनिवार को सकुशल संपन्न हो गया। दोनों दिन मखौड़ा धाम में साधु-संतों तथा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोगों ने श्री राम जानकी दरबार में दर्शन पूजन किया। मेले में कलात्मक वस्तुओं की दुकानें मिट्टी के बर्तन घर गृहस्थी के जरूरी सामान खूब बिके। झूला वह सर्कस आकर्षण का केंद्र रहा।
द्वितीय पड़ाव स्थल हनुमान बाग चकोही में साधु संतों के पहुंचने का सिलसिला रविवार की सुबह से शुरू हो जाएगा। साधु संत यहां रात्रि विश्राम कर दूसरे दिन सेरवा घाट के रास्ते श्रृंगी ऋषि आश्रम के लिए प्रस्थान करते हैं।