दो बार लेते दाम फिर भी फिसड्डी है इंतजाम
बस्ती फोरलेन पर यातायात संकेतक सफेद और रेडियम स्ट्रिप नदारद यू-टर्न ब्रेकर व लिंक रोड पर बोर्ड न होने से आए दिन होते हैं हादसे
बस्ती : फोरलेन पर कोहरे में रात का सफर न केवल मुश्किल बल्कि जानलेवा हो गया है। ऐसा यातायात सुविधाओं की बदइंतजामी के चलते है। सड़क पर सफेद पट्टी है न ही रेडियम। स्पीड ब्रेकर, यू-टर्न और लिंक रोड के पास बोर्ड न होने से हादसे हो रहे हैं। 60 किलोमीटर के बीच दो बार टोल टैक्स वसूलने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी इन सबसे बेपरवाह हैं।
गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन पर टोल टैक्स लेने वाले एनएचएआई की जिम्मेदारी है कि हाइवे पर यातायात संकेतक, सफेद पट्टी, स्पीड ब्रेकर और यू-टर्न के अलावा, मोड़ और लिंक रोड पर बोर्ड लगवाए। जानवरों की आवाजाही रोकने के लिए बैरीकेडिंग और उनकी निगरानी हो। लेकिन बस्ती में ऐसा कोई इंतजाम नहीं है। छोटे-छोटे गड्ढे और अवैध कट वाहनों को अनियंत्रित करने के लिए पर्याप्त हैं। ब्लैक स्पाट चिन्हित हैं, लेकिन वहां कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं हैं। रंबल स्ट्रिप भी जगह-जगह गायब है। धुंधली सफेद पट्टी रात में नजर नहीं आती है। महज छह जगह ट्रक ले बाई बने हैं, जिसके चलते ट्रक किनारे खड़े रहते हैं, जो हादसों का कारण हैं।
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खतरनाक हैं लिंक रोड के मोड़
शहर में जाने वाले मूड़घाट, बड़ेवन, पटेल चौक और पालीटेक्निक चौराहा जैसे स्थानों पर संकेतक गायब है। बाहरी राहगीर कई बार आगे चले जाते हैं। इन जगहों पर कई तरफ से वाहनों की आवाजाही के चलते हादसों का खतरा बना रहा है। ...........
यह चाहिए इंतजाम
सड़क किनारे सफेद रंग की पट्टी लगी हो।
लाल रंबल स्ट्रिप व ट्रक ले बाई की व्यवस्था हो।
यू-टर्न, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का संकेतक।
बाजार या कस्बा में फुट ओवरब्रिज का निर्माण।
आवश्यकतानुसार लेन बदलने के लिए सर्विस रोड।
लिंक रोड पर जाने के लिए अंडर पास।
सेफ्टी ग्रिल, सोडियम लाइट चौराहों पर हाईमास्ट लगा हो।