श्रमिक संगठनों ने की हड़ताल, कामकाज ठप
जगह-जगह हुए विरोध प्रदर्शन सरकार के खिलाफ नारेबाजी
बस्ती : केंद्रीय श्रम संगठनों, औद्योगिक कर्मचारी संगठनों के संयुक्त आह्वान पर राष्ट्र व्यापी हड़ताल यहां भी सफल हुआ। बुधवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों में तालाबंदी कर जीआइसी मैदान पहुंचे। यहां से नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज कर्मियों ने सभा कर भड़ास निकाली।
हड़ताल के कारण बैंक, बीमा, पोस्टल एवं योजना श्रम क्षेत्र के कामकाज ठप रहे। सीटू,आइएनटीयूसी, एटक, राज्य कर्मचारी महासंघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, प्राथमिक शिक्षक संघ, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपीएमएसआरए, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, मिड-डे-मील रसोईया कर्मचारी यूनियन, आशा कर्मचारी यूनियन, बीएसएनएल इंपलाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने आंदोलन में हिस्सा लिया। मांग उठाई गई कि न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये किए जाए। स्थायी कार्यों में ठेका प्रथा बंद हो, नियमित रूप से कार्य करने वाले संविदा, आउटसोर्सिंग एवं ठेके के कर्मचारियों को नियमित किया जाए। पुरानी पेंशन नीति बहाल की जाए। एसडीएम को 16 सूत्रीय मांग भी सौंपा गया।
इस दौरान केके तिवारी, अशर्फीलाल, नरेंद्र देव मिश्र, केके श्रीवास्तव, उदयशंकर शुक्ल, रमेश सिंह, राकेश उपाध्याय, संजीव श्रीवास्तव, आनंद गौतम, राम इकबाल, मनोज यादव, बलबीर यादव, चंद्र प्रकाश पांडेय मौजूद रहे।
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन हुआ। अध्यक्ष मस्तराम वर्मा एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अधार पाल ने कहा कि आउटसोर्सिंग प्रथा बंद होनी चाहिए। मनोज कुमार, संतोष राव, आलोक श्रीवास्तव, शीतला गुप्त, ऋतुराज पांडेय, इं. दयाशंकर सिंह, संतोष सिंह, अरुणेश पाल, राकेश पांडेय मौजूद रहे।
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महासंघ ने प्रांतीय खंड पर किया प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ की ओर से पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड कार्यालय पर प्रदर्शन हुआ। यहां विरोध सभा के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। इसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने हिस्सा लिया। अशोक कुमार मिश्र, धर्मराज, दीनानाथ मिश्र, राम शंकर चौधरी मौजूद रहे।