बाइक व स्कूटर के इंजन से चल रहे जुगाड़ वाहन
जुगाड़ से हो रही माल ढुलाई ढो रहे यात्री
बस्ती : जुगाड़ वाहन धड़ल्ले से सड़क पर दौड़ रहे हैं न तो कोई इनको रोकता है और न ही कोई चेक करता है। यह तो संयोग ही है कि अब तक इनसे कोई हादसा नहीं हुआ है।
देसी तकनीक से बने यह जुगाड़ वाहन बेरोक-टोक गांव से लेकर शहर तक की सडकों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। पुरानी बाइक, स्कूटर, आटो रिक्शा व पंपिगसेट के इंजन व कलपुर्जों को जोड़ कर तैयार यह वाहन कहीं भी देखे जा सकते हैं। इनका उपयोग कहीं सवारी के रूप में तो कहीं माल ढुलाई वाहन के रूप में हो रहा है। दिनों दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। छोटे इलाकों से निकल कर अब यह कस्बों, बाजारों व शहर में धड़ल्ले से सीमेंट, बालू, सरिया, लकड़ी की ढुलाई कर रहे हैं। गन्ने का जूस बेचने वाले इस गाडी का सर्वाधिक उपयोग कर रहे हैं । इसका न तो कहीं रजिस्ट्रेशन कराया जाता है न ही किसी नंबर की आवश्यकता पड़ती है । सुरक्षित यातायात मानक को ताक पर रख सडकों पर सरपट दौड़ रही हैं। इस गाड़ी के चालक को न हेलमेट की दरकार है न ड्राईविग लाईसेंस की। इस इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की बात तो दूर जिला मुख्यालय पर भी जुगाड़ वाहन चल रहे हैं। शायद इन पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती है। भले ही गरीबों के रोजमर्रा के जीवन की राह आसान तो बना रही है पर इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों को कदम-कदम पर तोड़ा जा रहा है।