छह करोड़ कंपोजिट स्कूल ग्रांट के बंदरबांट की जांच के आदेश
परिषदीय स्कूलों में रखरखाव को मिले पांच करोड़ चौरानबे लाख रुपये के बंदरबांट के पर्दाफाश के बाद मामला गरमा गया है। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी यानी एएओ आरके लाल खुद को बचाने की जुगत में भिड़ गए हैं। जिलाधिकारी डा.राजशेखर ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
बस्ती: परिषदीय स्कूलों में रखरखाव को मिले पांच करोड़ चौरानबे लाख रुपये के बंदरबांट के पर्दाफाश के बाद मामला गरमा गया है। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी यानी एएओ आरके लाल खुद को बचाने की जुगत में भिड़ गए हैं। जिलाधिकारी डा.राजशेखर ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरूण कुमार को तीन दिन में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए छह नवंबर को रिपोर्ट देनी होगी।
भ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल जिम्मेदार अफसर गुरुजी के सिर ठीकरा फोड़ने की तैयारी में हैं। हालांकि इसकी गूंज बस्ती से लखनऊ तक पहुंच गई है। नूरे सोशल मीडिया पर खबर को शेयर किया गया। सर्वशिक्षा अभियान के तहत भेजी गई रकम का बंदरबांट स्कूलों की छात्र संख्या में हेरफेर कर अंजाम दिया गया। बस्ती में 1747 प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें चार करोड़ अड़तिस लाख रुपये भेजे गए हैं। जूनियर हाईस्कूलों की संख्या 639 है। इनमें एक करोड़ पचपन लाख रुपये की धनराशि अंतरित की गई है।
जागरण में शुक्रवार को गुरुजी की आड़ में बांट लिए पांच करोड़ शीर्षक से प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने इसकी जांच के आदेश दे दिए। जांच अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है प्रकरण गंभीर प्रवृत्ति का है। समाचार में उल्लिखित तथ्यों की स्वयं जांच कर दोषियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए कार्रवाई संबंधी सुस्पष्ट आख्या छह नवंबर तक उपलब्ध कराएं।
शैक्षणिक सत्र वर्ष 18-19 में परिषदीय स्कूलों में ड्रेस वितरण पिछले सत्र की छात्र संख्या के आधार पर किया गया है। इसी छात्र संख्या के आधार पर ही कंपोजिट स्कूल ग्रांट का धन भी प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों को दिया जाना था। छात्र संख्या में हेरफेर कर 5.94 करोड़ रुपये के बंदरबाट के खेल को अंजाम दिया गया है। स्कूल में पिछले सत्र में 64 बच्चे पंजीकृत रहे जबकि 78 छात्रों के लिए ड्रेस की धनराशि भेजी गई। स्कूल के रखरखाव मद में धन भेजने की बारी आई तो यह संख्या बढ़ाकर 109 पहुंचा दी गई। इस तरह 25 हजार की जगह स्कूल के नाम 50 हजार रुपये आवंटित कर दिए गए। स्कूल के खाते में 40 हजार पहुंच भी गया है। इसके उलट प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार ने बताया कंपोजिट फंड के तहत 20 हजार रुपये मिली है। बाकी रकम कहां गई ? के सवाल पर चुप्पी साध गए।
भरौली बाबू स्कूल में 72 बच्चों के लिए ड्रेस की धनराशि भेजी गई। कंपोजिट स्कूल ग्रांट का धन आवंटित करते समय स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ाकर 102 कर दी गई। इस तरह 25 हजार रुपये की जगह यहां भी 50 हजार रुपये आवंटित करते हुए 80 फीसद धन यानी 40 हजार रुपये स्कूल के खाते में अंतरित कर दिया गया। यह स्कूल वाल्टरगंज कस्बे से सटा है। यहां अक्सर अफसरों का आना जाना लगा रहता है। स्कूल में 72 छात्र-छात्राओं में ड्रेस वितरित किया गया। जबकि कंपोजिट स्कूल ग्रांट की रकम 106 छात्र संख्या के आधार पर दी गई है। स्कूल को नियमत: 25,000 रुपये ही आवंटित किया जा सकता था लेकिन धन के बंदरबांट को छात्र संख्या बढ़ाकर 50 हजार आवंटित कर दिया गया। अस्सी फीसद यानी 40 हजार रुपये खाते में अंतरित हो गया है। प्रधानाध्यापक भूपेंद्र कुमार ने बताया स्कूल में 70 छात्रों में ड्रेस वितरित किया गया है। कम्पोजिट फंड के बारे में अनभिज्ञता जताई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरूण कुमार ने कहा कि कंपोजिट स्कूल ग्रांट के बंदरबांट की जांच मिली है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी आरके लाल से इस बारे में स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है।