गन्ना क्रय केंद्र पर किसानों को दिखाना होगा पहचान पत्र
किसानों ने सामूहिक तौर पर इसकी शिकायत की।
जागरण संवाददाता, दुबौला, बस्ती: गन्ना तौल केंद्रों पर दूसरे की पर्ची पर फर्जी तरीके से तौल कराने के मामलों को लेकर बभनान चीनी मिल प्रबंधन व समिति गंभीर हो गया है। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए किसानों को अब क्रय केंद्र पर तौलकर्मी को पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। मिल और समिति के इस निर्देश से केंद्रों पर अब दूसरे की पर्ची पर बिना बताए तौल कराने वालों को चिन्हित किया जाएगा।
मिल की ओर से गन्ना पर्ची मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से भेजा जा रहा है। वहीं मैसेज दिखाकर किसान अपना गन्ना तौल कराता है। इस व्यवस्था में कुछ किसान ऐसे हैं, जिनके पास मोबाइल नहीं है, उन्होंने मांग किया कि एक लिस्ट तौल केंद्रों पर लगा दी जाए, जिसे देखकर किसान गन्ना तौल करा सकें। केंद्रों पर लिस्ट लगने लगी। मिल क्षेत्र के सुअरबरवा क्रय केंद्र पर एक व्यक्ति लिस्ट में मैसेज देखकर दूसरे किसान की पर्ची पर गन्ना तौल करा लिया। जब किसान पहुंचा तो पता चला उसकी पर्ची पर पहले ही तौल हो चुका है। इस केंद्र पर लगातर यह शिकायत मिल रही थी। किसानों ने सामूहिक तौर पर इसकी शिकायत की। कुछ अन्य केंद्रों पर भी इस प्रकार का मामला संज्ञान आने के बाद मिल ने समिति के सहयोग से पहचान पत्र और मैसेज का मिलान होने के बाद ही गन्ना तौल कराने का निर्णय लिया है। नियमित अंतराल पर डिलीट करें मैसेज
किसानों का मैसेज जाने में बाद भी उनको प्राप्त नहीं हो पाता। इसके पीछे एक कारण यह है कि पांच फीसद किसान ऐसे हैं जिनके मोबाइल का इनबॉक्स भरा हुआ होता है, वह कई दिनों तक मैसेज डिलीट नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में नए मैसेज आ ही नहीं पाते, और उन्हें इंडेंट जारी की सूचना समय से नहीं मिल पाती। इस असुविधा से बचने के लिए किसानों को नियमित अंतराल पर पुराने और गैरजरूरी मैसेज को डिलीट करते रहना चाहिए। क्रय केंद्रों पर मिल रही शिकायत के आधार पर तौल कर्मियों को पहचान पत्र से मिलान करने के बाद तौल करने को कहा गया है। इसके बावजूद भी यदि गड़बड़ी हुई तो संबंधित को चिन्हित कर समिति के सहयोग से उसका भुगतान रोक दिया जाएगा। आरसी राय, उप गन्ना प्रबंधक