लड़खड़ाने के बाद धीरे-धीरे संभल रहा होटल एवं रेस्त्रां
लाकडाउन के दौरान संघर्ष की कहानी बयां की होटल व्यवसायी अजय चौधरी ने
जागरण संवाददाता,बस्ती : कोरोना की सर्वाधिक मार होटल और रेस्त्रां पर ही पड़ी है। लाकडाउन अवधि में तीन महीने तक होटल और रेस्त्रां बस्ती जिले में बंद रहे। इस दौरान संचालकों से लेकर इसमें काम करने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस ट्रेड के संघर्ष की कहानी बयां की होटल व्यवसायी अजय चौधरी ने। बताया लाकडाउन की अवधि कैसे कटी बयां नहीं किया जा सकता। इतना जरूर है खुद के साथ कर्मचारियों को मैनेज कर सुरक्षित बचाना बड़ी चुनौती थी। जैसे तैसे यह समय कट गया। अब जब बाजार खुल चुके हैं होटल और रेस्टोरेंट भी धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। जमा पूंजी से कटे संकटों के दिन महरीखांवा निवासी अजय चौधरी शिवाय,औरा इन होटल और बून्स रेस्टोरेंट के मालिक हैं। बताया तीनों प्रतिष्ठान में अस्सी से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। अचानक लाकडाउन होने से सबकुछ ठप हो गया। इनकम शून्य हो गई। स्वयं और परिवार के खर्चों के साथ कर्मचारियों को इस संकट के दौर में बचाने का भी भार था। खुद के खर्चों में कटौती की। कर्मचारियों में से किसी को भी काम से नहीं निकाला। सबको सहेजा और उनकी जरूरतें पूरी की। हालांकि इसमें पूंजी टूट गई। लगन से जगी है ढेरों उम्मीद अजय चौधरी का कहना है कि लाकडाउन में ही पूरी लगन चली गई। शादी एवं अन्य कार्यक्रमों की बुकिग के पैसे लौटाने पड़े। बाजार खुलने के बाद ग्राहक धीरे-धीरे आ रहे हैं। अगली लगन में कारोबार गति पकड़ लेगा। इसी से घाटे की भरपाई होने की उम्मीद भी है। ट्रेन संचलन प्रभावित होने का भी व्यापार पर असर है। बताया लखनऊ और कानपुर के व्यापारी यहां पहले आते थे तो रुकते थे अब अपनी गाड़ी से या बस से आते हैं तो फिर काम निपटाकर चले जाते हैं। कोरोना से बचाव का है पूरा इंतजाम
होटल हो या फिर रेस्टोरेंट दोनों ही जगह कोरोना से बचाव का पूरा इंतजाम है। कमरों को सैनिटाइज कराने के बाद ही किसी को बुक किये जाते हैं। बेड शीट और चद्दर भी सैनिटाइज कराया जाता है। साफ सफाई के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। स्टाफ को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिग बनाकर ही सारे कार्य किये जा रहे हैं। किचेन और स्टाफ की मानीटरिग बढ़ी होटल और रेस्टोरेंट में आने वाले कस्टमर हो या फिर स्टाफ सबकी थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था है। किचेन में सब्जी से लेकर अन्य सामान पहले विसंक्रमित किए जाते हैं। खाना पूरी तरह से साफ सुथरा और सुरक्षित ही परोसा जाता है। कस्टमर भी कोरोना को लेकर बहुत जागरूक हैं। कमरा,बिस्तर से लेकर खान पान तक के बारे में गहनता से पूछताछ करते हैं। आनलाइन की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा
आनलाइन की तरफ लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ा है। पहले कस्टमर होटल में आकर कमरों की जांच करते थे फिर बुकिग कराते थे। कोरोना में यह ट्रेंड यहां बहुत तेजी से बदला है। अब कस्टमर घर से आनलाइन होटल का चयन और बुकिग कर रहे हैं। मेक माई ट्रिप,यात्रा डाट काम सहित अन्य प्लेटफार्म पर उनके होटल में कमरे बुक किये जा सकते हैं। भुगतान की भी आनलाइन सुविधा उपलब्ध है। होम डिलीवरी के साथ डिस्काउंट का आफर रेस्टोंरेंट को फिर से पहले जैसी स्थिति में लाने के लिए अजय होम डिलीवरी के साथ डिस्काउंट का आफर दे रहे हैं। बताया कि मोबाइल एप्प के माध्यम से आनलाइन रेस्टोरेंट से नाश्ता और भोजन की मांग की जा सकती है। आनलाइन बुकिग पर 15 से 20 फीसद तक डिस्काउंट देने के साथ ही फ्री होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध है।