श्रीमद्भवगत कथा के श्रवण से दूर होते जन्म-जन्मांतर के विकार
भगवत कथा से मन का शुद्धीकरण होता है।
जागरण संवाददाता गायघाट, बस्ती: ईश्वर से संबंध जोड़कर हम हमेशा के लिए उन्हें अपना सकते हैं। भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में उतारते हैं। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन मात्र बनकर रह जाएगी। भगवत कथा से मन का शुद्धीकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और मन को शांति मिलती है।
यह सद्विचार कथा वाचक आचार्य जयाश्री तिवारी ने सोमेश्वर नाथ धाम पाऊं में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन व्यक्त किया। कहा कि श्रीमद्भवगत कथा के श्रवण मात्र से जन्म-जन्मांतर के विकार दूर हो जाते हैं। प्राणि मात्र का लौकिक व अध्यात्मिक विकास होता है। धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान, वैराग्य कथा श्रवण से जागृति हो जाता है। संयोजक अभिषेक पांडेय, कुलभूषण दुबे, कौशल नायक, जयप्रकाश जायसवाल, नंदकिशोर शुक्ला, प्रसिद्ध नारायण पांडेय, अरुण दुबे, राम अशीष शुक्ला, दुर्गा प्रसाद शुक्ला, पवन दूबे,श्याम बिहारी दुबे, हजारीलाल, मोल्हू, काशीनाथ दूबे, घनश्याम दुबे आदि मौजूद रहे। कलश यात्रा के साथ श्रीराम कथा शुरू जासं, महसो, बस्ती: बनकटी के बेलराई गांव में नौ दिवसीय श्री श्री राम कथा व ज्ञान यज्ञ कर शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ।
कलश यात्रा बोकनारे महादेवा होते हुए मनोरमा संगम तट पर पहुंची। वहां से कलश भरकर पुन: कथा स्थल पहुंचे। आयोजक दिलीप दास गोस्वामी ने बताया कि अवध धाम से पधारे बाल व्यास अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता प्रज्ञा शुक्ल श्रीराम कथा व ज्ञान यज्ञ में कथा सुनाएंगी। मधुवन दास, अंबिका चौधरी, जयशंकर, राम सुमेर यादव, श्याम सुंदर चौधरी, प्रमोद गिरि, दुर्गेश सिंह रहे।