यूरिया खाद उपलब्ध पर किसानों से दूर
यूरिया खाद को लेकर मारामारी मची है। उपलब्धता तो दिखाई जा रही है लेकिन समितियों से दूर है। किसानों को आसानी से खाद नहीं मिल रही है। प्राइवेट दुकानों पर अधिक रेट लिया जा रहा है। कृषि विभाग का दावा है कि पर्याप्त खाद है। वैसे इस वर्ष रबी सीजन में 46 हजार 149 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता का लक्ष्य है
बस्ती : यूरिया खाद को लेकर मारामारी मची है। उपलब्धता तो दिखाई जा रही है लेकिन समितियों से दूर है। किसानों को आसानी से खाद नहीं मिल रही है। प्राइवेट दुकानों पर अधिक रेट लिया जा रहा है। कृषि विभाग का दावा है कि पर्याप्त खाद है। वैसे इस वर्ष रबी सीजन में 46 हजार 149 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता का लक्ष्य है। सहकारी समितियों व निजी क्षेत्र की 935 दुकानों से किसानों में वितरण किया जा रहा है। खाद की उपलब्धता का दावा 28 हजार 284 मीट्रिक टन है। 18 हजार 760 मीट्रिक टन खाद का वितरण सहकारी व निजी दुकानों से किया गया है। 7 हजार 589 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। 18 हजार 366 मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड भेजी गई है। इधर किसानों को खाद न तो सहकारी समितियों पर मिल रही है और न ही बाजार में। ब्लैक में पर्याप्त खाद है।
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खाद खोजने में किसान बेहाल
- रबी फसल में यूरिया खाद की सख्त जरूरत है। समिति पर खाद नहीं मिल रही है। मजबूर होकर बाजार से अधिक रेट पर खरीद रहे हैं।
जयंत्री प्रसाद वर्मा
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- यूरिया की कालाबाजारी से समितियों से खाद गायब है। कई दिन से यूरिया के लिए चक्कर काट रहे हैं। खाद सख्त जरूरत है।
विष्णु प्रसाद शुक्ल
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- समिति पर कई दिन यूरिया लेने गए, सचिव ने मना कर दिया। खाद की उपलब्धता भले हो, खाद की किल्लत होने से परेशानी बढ़ गई है।
मनोज
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- यूरिया न मिलने से फसल को नुकसान हो रहा है। अधिक दाम पर यूरिया खरीद रहे हैं। समितियों पर खाद की उपलब्धता हो तो बेहतर।
चंद्रभान शुक्ल
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यूरिया जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सभी बिक्री केंद्रों पर यूरिया है। स्टाक बना हुआ है। यूरिया के लिए और डिमांड की गई है।
संजेश कुमार श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी