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गो आश्रय स्थलों पर चारे का संकट

अस्थाई गो आश्रय स्थल बदइंतजामी के शिकार हो गए हैं। इन पर बांधे गए पशुओं के खाने के लिए न तो भूसे का इंतजाम है और ना ही पशु आहार की। यदि कहीं पर भूसे का इंतजाम भी है तो वह भी सड़ा हुआ। भूख से गोवंशीय पशु भूख से बिलबिला रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 11:26 PM (IST)
गो आश्रय स्थलों पर चारे का संकट
गो आश्रय स्थलों पर चारे का संकट

बस्ती: अस्थाई गो आश्रय स्थल बदइंतजामी के शिकार हो गए हैं। इन पर बांधे गए पशुओं के खाने के लिए न तो भूसे का इंतजाम है और ना ही पशु आहार की। यदि कहीं पर भूसे का इंतजाम भी है तो वह भी सड़ा हुआ। भूख से गोवंशीय पशु भूख से बिलबिला रहे हैं।

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परशुरामपुर विकास खंड के ठाकुरपुर न्याय पंचायत में बनाए गए गो आश्रय स्थलों की शुक्रवार को पड़ताल की की गई। नागपुर कुंवर ग्राम पंचायत में गो आश्रय स्थल पर कुल 37 गोवंश बांधे गए हैं, जिनके खाने के लिए सड़ा हुआ भूसा स्टोर रूम में रखा है। उसके साथ पशु आहार की व्यवस्था नहीं है।परिसर में तार का बाड़ न लगाए जाने से जानवर इधर उधर घूम रहे हैं। दो जानवर बीमार पड़े हैं बाकी बांधे गए जानवर भूख से बिलबिला रहे हैं। रात में न तो लाइट का इंतजाम है और न ही नाद पर छाजन का। वहीं नेवरी रामबक्स में बनाए गए को आश्रय स्थल में कुल 28 जानवर हैं। स्टोर रूम में दरवाजा भी नहीं लगाया गया है और ना ही जानवरों को खाने के लिए भूसा है। यहां पर मौजूद सफाई कर्मी परशुराम ने बताया कि सुबह ही भूसा समाप्त हो गया है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव को अवगत कराया गया है।

बता दे कि गो आश्रय स्थल पर बांधे गए पशुओं की देखभाल के लिए सुबह सात बजे से दिन में एक बजे तक तथा एक बजे से रात नौ बजे तक दो पाली में सफाई कर्मी लगाये गए हैं। रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक इनकी देखभाल भगवान भरोसे है। इस बारे में परशुरामपुर के खंड विकास अधिकारी रामरेखा सरोज ने बताया कि भूसा व पशु आहार का इंतजाम न करने के लिए संबंधित ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव को निर्देशित किया गया है। बजट के अभाव में इंतजाम नहीं हो पाया है, रही बात सड़े भूसे की तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


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