73 करोड़ खर्च कर बनाए किसान फीडर, नतीजा सिफर
लाइन तो बनी पर लोड के हिसाब से नहीं मिले नलकूप कनेक्शन
बस्ती : गर्मी में बिजली फीडरों पर लोड बढ़ जाता है। इसको देखते हुए सरकार ने इस बार नई पहल करते हुए किसान फीडर को अलग करने का फैसला किया। इस फीडर से केवल नलकूप कनेक्शन दिए जाएंगे और पहले से संचालित नलकूप कनेक्शन को इस फीडर से जोड़ा जाना है। हाल यह है कि बस्ती-सिद्धार्थनगर में 73 करोड़ रुपये खर्च कर 46 नए फीडर तो बना दिए गए हैं, लेकिन उसका कोई लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। पहले सामान्य फीडर से ही किसानों के नलकूप चलते थे। इससे लोड बढ़ जाते थे, खासकर गर्मी में जैसे ही नलकूप चालू होते थे, लो-वोल्टेज का संकट खड़ा हो जाता था। इससे घरेलू कनेक्शन के उपभोक्ता परेशान होते थे। पहले चरण में एक दिन में 10 घंटे बिजली आपूर्ति होगी। यह बिजली बिना कटौती रहेगी।
बस्ती में 23 नए फीडर बनाए गए हैं। यहां 538 नलकूप कनेक्शन हैं। जिनको किसान फीडर पर शिफ्ट किया जा रहा है। इसके अलावा सिद्धार्थनगर में 23 नए फीडर स्थापित किए गए हैं, यहां नलकूप कनेक्शनों की संख्या 218 ही है। विभाग के अनुसार जितने फीडर बने हैं, उस पर कम से कम 6 से 7 हजार कनेक्शन होने चाहिए। तब फीडर बेहतर ढंग से काम कर सकेगा और किसानों को लाभ मिलेगा।
चीफ इंजीनियर विद्युत वितरण ईं. ओपी यादव का कहना है कि जिन किसानों को किसान फीडर से नलकूप का कनेक्शन लेना हो, वह अर्जी दे सकते हैं। फीडर के अनुसार कनेक्शन कम हैं। अब तक 46 फीडरों में से 30 चार्ज कर दिए गए हैं। शेष को जल्द ही चार्ज कर दिया जाएगा।