विश्व शांति के लिए अपनाना होगा गांधी के विचार
महात्मा गांधी की आलोचना करना जितना आसान है उनके जैसा बन पाना उतना ही कठिन। सत्य अहिसा को ध्येय मानकर बापू ने भारत के जन-जन को अंग्रेजी हुकूमत के महात्मा गांधी की आलोचना करना जितना आसान है उनके जैसा बन पाना उतना ही कठिन। सत्य अहिसा को ध्येय मानकर बापू ने भारत के जन-जन को अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध खड़ा किया और देश को आजादी मिली।
बस्ती : महात्मा गांधी की आलोचना करना जितना आसान है, उनके जैसा बन पाना उतना ही कठिन। सत्य, अहिसा को ध्येय मानकर बापू ने भारत के जन-जन को अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध खड़ा किया और देश को आजादी मिली।
यह विचार गांधी चितक डा. अजय उपाध्याय ने व्यक्त किया। वे रविवार को ब्लाक रोड स्थित एक मैरेज हाल में आयोजित 'पूर्वांचल सत्याग्रह संवाद' को संबोधित कर रहे थे। दुनिया इस बात को लेकर आश्चर्यचकित है कि भारत में एक ऐसे सपूत का जन्म हुआ जिन्होंने सत्य और सत्याग्रह के आधार पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर बाध्य कर दिया। हमें बापू के विचारों से ही प्रेरणा लेनी होगी। प्रेमशंकर द्विवेदी, राजेंद्र नाथ तिवारी, राना दिनेश प्रताप सिंह, राजेश सिंह, संध्या दीक्षित ने महात्मा गांधी से जुड़े अनेक प्रेरक प्रसंग उठाए। कहा, यदि विश्व को शांति, प्रेम, सद्भाव की ओर आगे बढ़ना है तो महात्मा गांधी के विचारों को अंगीकार करना होगा। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में वैष्णव धुन पर कलाकारों ने बापू पर केंद्रित अनेक प्रभावशाली कार्यक्रम प्रस्तुत किए। आयोजक अमर पाल सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से ही देश को वैचारिक दरिद्रता से बचाया जा सकता है। कौशल कुमार त्रिपाठी, रजनीश पासवान, रायअंकुरम श्रीवास्तव, राजेश चित्रगुप्त, मनोज सिंह, अविनाश श्रीवास्तव, रफीक अहमद, आदित्य सिंह 'छोटू' राहुल सिंह, राम अनुज पाल, रामकृष्ण पाल, महेंद्र यदुवंश, दीपक यदुवंश, अश्विनी गौतम मौजूद रहे।