केंद्र की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी
केंद्रीय श्रम संगठनों, औद्योगिक फेडरेशनों, कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को अधिकारी, कर्मचारियों ने हड़ताल की। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुटता दिखाई। पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। पैदल मार्च कर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। 17 सूत्रीय मांग रखी। हड़ताल का जिले भर में असर रहा।
बस्ती : केंद्रीय श्रम संगठनों, औद्योगिक फेडरेशनों, कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को अधिकारी, कर्मचारियों ने हड़ताल की। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुटता दिखाई। पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। पैदल मार्च कर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। 17 सूत्रीय मांग रखी। हड़ताल का जिले भर में असर रहा।
मुख्य अभियंता कार्यालय पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हड़ताल हुई। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। चीफ इंजीनियर ओपी यादव, एसइ एमके अग्रवाल, एक्सईएन हेमंत ¨सह, छोटेलाल, संतोष कुमार, वीके मिश्र, आनंद, अशर्फी लाल ने पैदल मार्च किया। बैं¨कग संगठनों के आह्वान पर बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल की। सचिव पंजाब नेशनल बैंक जेडयू खान, अष्टभुजा पाल, राजेश कुमार मिश्र, सुमित सागर, मनीष पांडेय, दिलावर ने विरोध जताया। पूर्वांचल बैंक के केके श्रीवास्तव, राज शुक्ल, रामकृष्ण, ध्रुव कुमार मौजूद रहे। डाक विभाग में भी हड़ताल हुई। सचिव इंदुशेखर मिश्र, रामजी चौधरी, अशोक चौधरी, सूर्यभान यादव, टीएस ¨सह, केवी ¨सह, शामिल हुए। एलआइसी में भी काम-काज ठप रहा। सीटू नेता केके तिवारी ने केंद्र, राज्य सरकार की नीतियों का विरोध किया। संरक्षक नरेंद्रदेव मिश्र, मंत्री केके श्रीवास्तव, जलालुद्दीन कुरेशी, रमेश ¨सह, राकेश उपाध्याय, विमला यादव, वीरेंद्र प्रताप मिश्र, रामगढी चौधरी, सुरेंद्र मोहन, फूलमती चौधरी मौजूद रहे। आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन ने ज्ञापन दिया। कुदरहा में सीडीपीओ कार्यालय पर कलमबंद हड़ताल हुई। ब्लाक अध्यक्ष सरला चौधरी, यशोदा देवी, मंशा मिश्रा, प्रेमलता मौजूद रहीं। सल्टौआ, असनहरा, साऊंघाट में सीडीपीओ कार्यालय बड़ेरिया बुजुर्ग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई। ब्लाक अध्यक्ष उíमला शुक्ला, सरिता, सुनीता मौजूद रहीं।
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बैंकों में ठप रहा कारोबार
बैंकों में हड़ताल के चलते 40 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। 15 करोड़ चेक क्लीय¨रग तो 25 करोड़ लेन-देन नहीं हो पाया। उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा।