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बिजली न फर्नीचर,जर्जर भवन में चल रहा दफ्तर

सहायक चकबंदी अधिकारी समेत 9 कर्मचारियों वाले मुंडेरवा सर्किल के चकबंदी कार्यालय जिस भवन में संचालित है उसमे बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बैठने के लिए तीन लकड़ी की कुर्सियां और दो मेज है। पूरा भवन जर्जर व सिलन से भरा है। ऐसे माहौल में में चकबंदी कर्मी दो वर्ष से काम करने को विवश हैं

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:44 PM (IST)
बिजली न फर्नीचर,जर्जर भवन में चल रहा दफ्तर
बिजली न फर्नीचर,जर्जर भवन में चल रहा दफ्तर

बस्ती : सहायक चकबंदी अधिकारी समेत 9 कर्मचारियों वाले मुंडेरवा सर्किल के चकबंदी कार्यालय जिस भवन में संचालित है उसमे बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बैठने के लिए तीन लकड़ी की कुर्सियां और दो मेज है। पूरा भवन जर्जर व सिलन से भरा है। ऐसे माहौल में में चकबंदी कर्मी दो वर्ष से काम करने को विवश हैं। मुंडेरवा कस्बे के औरहिया मुहल्ला में स्थित सहायक चकबंदी अधिकारी मुंडेरवा का कार्यालय किराए के एक पुराने मकान में चल रहा है। गौरतलब बात यह है कि इस भवन का 1200 रुपये मासिक भाड़ा यहां तैनात कर्मचारी अपनी जेब से चुकाते हैं । सरकार ने न तो भवन दिया है और न तो किराया देती है। फर्नीचर भी काम चलाऊ है। वर्तमान में मुंडेरवा सर्किल में सहायक चकबंदी अधिकारी एसपी शुक्ल,चकबंदी कर्ता मुन्नीलाल और इंद्रपाल ¨सह,पेशकार रुक्मिणी ¨सह,लेखपाल अशोक ¨सह,विनोद कुमार और नितिन तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मी सादिका खातून की तैनाती है । छह गांवों बोदवल ,बढौनी शिवपुर ,मूड़ाडीहा,गूदी ,मिश्रौलिया और अरइल दीगरपट्टी में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। बड़ा सवाल यह है कि जब कर्मचारियों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है तो फरियादियों का क्या होगा। यहां कार्यरत कर्मचारी कहते हैं कि छत जर्जर है और बिजली भी नहीं है। मच्छर दिन में ही नोचते हैं परंतु काम करना मजबूरी है। सहायक चकबंदी अधिकारी एसपी शुक्ल ने बताया कि कार्यालय के लिए मुख्यालय पर भवन आवंटित है और कुछ दिन पहले कार्यालय को मुंडेरवा से बस्ती स्थानान्तरित किया जा रहा था ¨कतु बोदवल ग्राम पंचायत ने एसओसी को लिखित शिकायत देकर कार्यालय स्थानांतरित करने का पुरजोर विरोध किया। छह गांवों में चकबंदी का काम निपटाने के बाद कार्यालय स्थानान्तरित किया जाएगा।

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