फर्जी बच्चे पैदा कर खा गए सरकारी पैसा
पांच माह में 60 लाख के पोषाहार का गोलमाल
बस्ती: प्रदेश के एक लाख 88 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों में 14 लाख 57 हजार बच्चे फर्जी पाए गए हैं। इनमें बस्ती जिले के आठ हजार बच्चे शामिल हैं। इनका नाम केंद्रों से हटा दिया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 6 साल तक के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में पोषाहार हड़पने के मकसद से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पंजीकृत करने में खेल किया गया। ऐसे बच्चे जो गांवों में रहते ही नहीं हैं, उनके नाम आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों की पंजिका में दर्ज कर उनके नाम से मिलने पोषाहार का गोलमाल किया जाने लगा। इसका पता तब चला जब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और उनके माता पिता का आधार कार्ड फीड होने लगा। बच्चों को आधार से जोड़ने के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत फर्जी बच्चों का खुलासा हुआ। हालांकि विभाग किस केंद्र पर कितने बच्चे फर्जी पाए गए यह जानकारी देने से कतरा रहा है, मगर फर्जी पाए गए बच्चों की संख्या तकरीबन आठ हजार बताई गई है।
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हर माह फर्जी बच्चे खा जाते थे 12 लाख रुपये का पोषाहार
जिले के 2655 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों 139000 बच्चों में 0 से 6 माह तक के बच्चों की मां को जबकि 6 माह से तीन साल के बच्चों को तीन-तीन पैकेट पोषाहार दिया जाता है। वहीं 3 से 6 साल के बच्चों को केंद्र पर पोषाहार पैकेटों से खोलकर प्रतिदिन दिया जाता है। एक पैकेट की कीमत 50 रुपये बताई गई है। बस्ती में 8 हजार बच्चे फर्जी मिले हैं इस प्रकार इन्हें कुल 24000 पैकेट पोषाहार फर्जी बच्चों के नाम पर खपा दिए गए। कुल मिलाकर हर माह 12 लाख रुपये के पोषाहार का जिले में गोलमाल किया जाता रहा। नई सरकार ने फरवरी 2018 से केंद्रों पर पोषाहार देना बंद कर दिया था। इसके बाद नए सिरे से जून माह में इसे शुरू किया गया था। फर्जीवाड़े का खुलासा होने से पहले पांच माह तक 60 लाख के पोषाहार का गोलमाल किया गया।
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हटा दिया गया केंद्रों से नाम
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों को आधार से जोड़ा जा रहा है। जो भी बच्चे संबंधित पते पर नहीं हैं या उनके परिजन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं, ऐसा माना जा रहा है कि वह फर्जी है या फिर वह कहीं और रह रहे हैं। ऐसे बच्चों का नाम आंगनबाड़ी केंद्रों से हटा दिया गया है। शासन की ओर से अभी अन्य कोई निर्देश नहीं मिला है।
सावित्री देवी, जिला कार्यक्रम अधिकारी।