धरा न रह जाए खुले में शौच से निजात का दावा
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद के सभी गांवों को 30 सितंबर तक खुले में शौच से मुक्त किया जाना है। निर्धारित अवधि पूर्ण होने में महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में जिम्मेदारों ने कागजी कसरत शुरू कर दी
बस्ती: स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद के सभी गांवों को 30 सितंबर तक खुले में शौच से मुक्त किया जाना है। निर्धारित अवधि पूर्ण होने में महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में जिम्मेदारों ने कागजी कसरत शुरू कर दी है। धरातल पर शौचालय निर्माण कराने की बजाय उनके द्वारा कागजों में ही निर्माण कराकर गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा रहा है। हालांकि उनकी यह पोल जिलाधिकारी के निरीक्षण से खुलने लगी है। सदर विकास खंड के बानगढ़ ग्राम पंचायत के डम्मरजोत गांव की आबादी लगभग 1200 है, जिसमें 120 परिवार निवास करते हैं। अब तक मात्र तीन शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। उसका भी प्रयोग नहीं हो रहा है। अभियान के तहत राम लौट, आशाराम, राम यश के शौचालय का निर्माण कराया गया है। लेकिन उनके द्वारा इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है। नरेंद्र प्रसाद के शौचालय की छत नहीं लगी है। उनके द्वारा पन्नी डालकर इसका प्रयोग किया जा रहा है। बताया कि निर्माण के लिए सरकार द्वारा 12 हजार की धनराशि दी जाती है। उसे अभी तक दूसरी किस्त की धनराशि नहीं दी गई, जिसके चलते छत नहीं लग पा रही है। गांव के मेहीलाल, कृष्णा नाम नारायण, नंदलाल चौहान, भगवान दास, सुधीर कुमार, शोभित, राम सरन, राम हित, फूलचंद, केसई, राम किशन, संदीप चौहान, तेजयी, राम प्रसाद, साधू, रंगीलाल, गंगाराम, चंद्रिका, लक्ष्मण, देवनाथ, राम सजीवन, राम अवतार, मिठाई लाल का कहना है कि काफी प्रयास के बाद भी उन्हें शौचालय निर्माण के लिए धनराशि नहीं दी जा रही है। ऐसे में निर्धारित अवधि में गांवों को खुले में शौचमुक्त कराने का अभियान कागजी बन कर रह गया है।