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अभिभावक की तरह कार्य करता है दैनिक जागरण

बस्ती : दैनिक जागरण सिर्फ अखबार ही नहीं है अभिभावक भी है। समस्या प्रधान खबरों से जहां स्थानीय

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 07:28 PM (IST)
अभिभावक की तरह कार्य करता है दैनिक जागरण
अभिभावक की तरह कार्य करता है दैनिक जागरण

बस्ती : दैनिक जागरण सिर्फ अखबार ही नहीं है अभिभावक भी है। समस्या प्रधान खबरों से जहां स्थानीय मुद्दों की जानकारी मिलती है वहीं देश विदेश की खबरों से न सिर्फ ज्ञान बढ़ता है बल्कि नई दृष्टि भी मिलती है। घटना प्रधान खबरें न सिर्फ सचेत करतीं हैं बल्कि अभिभावक की तरह इस बात के लिए प्रेरित भी करती हैं कि हम कोई ऐसा काम न करें जिससे समाज पर गलत असर पड़े और व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़े। यह अखबार हर तरह से समाज को अच्छी राह पर ले जाने का काम वर्षों से कर रहा है तथा आगे भी करता रहेगा इसकी उम्मीद है। यह विचार हैं उन युवाओं के जो होश संभालने की उम्र से ही दैनिक जागरण देख और पढ़ रहे हैं।

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समाज की विचारधारा है जागरण

दैनिक जागरण अखबार समाज की विचारधारा बन गया है। 75 वर्ष से सच्ची और विश्वसनीय खबरें परोसना जागरण की कार्यशैली का हिस्सा है। यही वजह है कि जो जागरण पढ़ना शुरू कर दिया उसे दूसरा अखबार पढ़ने में मजा नहीं आता है। किसी कारणवश हाकर ने अखबार नहीं दिया तो दिनभर ऐसा लगता है कि कोई चीज खो गई है। अखबार में प्रकाशित होने वाली समस्या प्रधान खबरें संबंधित विभागों को बाध्य करती हैं वह समस्याओं का निदान कराएं। जागरण में एक बात और अच्छी लगती है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता है तब तक वह समस्या अखबार के समाचार का हिस्सा बनी रहती है। समाज को इससे जो लाभ हो रहा है वह शब्दों में नहीं कहा जा सकता। आने वाले वर्षों में अखबार इसी तरह आम जन से जुड़ी पीड़ा को अपनी खबर का हिस्सा बनाता रहेगा तो बुलंदियों पर रहेगा। समाचार लेखन व प्रस्तुतिकरण को थोड़ा और पैना करने की जरूरत है।

प्रशांत कुमार ¨सह, अधिवक्ता

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सभी क्षेत्रों में है जागरण की दखल

दैनिक जागरण अखबार की पहुंच हर उस क्षेत्र में है जहां सामान्यतया कोई ध्यान नहीं देता है। मोहल्ले की नाली से लेकर गांव के किसान की पीड़ा तो जागरण के खबरों का हिस्सा बनती ही हैं, खाद-पानी का संकट हो या गरीब को दवा न मिलने की बात हर ¨बदु पर जागरण की धार पैनी रहती है। दैनिक जागरण ने न्यायिक खबरों को कई वर्षों से प्रमुखता से छापा है। अधिवक्ता से लेकर न्यायिक अधिकारी जागरण पढ़ने के लिए उत्सुक रहते हैं। विशेष कर अपराधियों को दंडित करने वाली वाली खबरें समाज को सचेत करती हैं। अपराधियों को चेतावनी देती हैं कि अपराध करोगे तो सजा भुगतोगे। ऐसा महसूस किया गया है कि बड़े दंड की खबरें छपने के बाद आपराधिक घटनाओं में गिरावट आती है। बिना अपराधियों से डरे जागरण निष्पक्षता से खबरें प्रकाशित करता है। आने वाले वर्षों में भी जागरण न्याय के प्रहरी की तरह काम करता रहेगा ऐसी उम्मीद ही नहीं हमे पूरा विश्वास है।

परशुराम यादव, अधिवक्ता

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छात्रों को सफलता की राह दिखाता है जागरण

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र के लिए विषय से हट कर सामान्य ज्ञान सर्वाधिक जरूरी होता है। करेंट अफेयर्स के लिए अखबार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जागरण इस जरूरत को वर्षों से पूरा करता आ रहा है। साथ ही साथ हर सप्ताह निकलने वाला जागरण जोश का पेज न सिर्फ रिक्तियों की जानकारी देता है बल्कि ऐसी ज्ञानवर्धक बाते भी होती हैं जो किताबों को पलटने से नहीं मिलती हैं। यह अखबार एक छात्र के लिए अभिभावक की तरह कार्य करता है। कहां और कैसे खुद को प्रस्तुत करना है अखबार बखूबी मार्ग दर्शन करता है। मुझे इस अखबार से काफी सहायता मिलती है। आने वाले वर्षों में अखबार इसी तरह से युवाओं खास कर प्रतियोगी छात्रों की मदद करता रहेगा इसकी उम्मीद है। बशर्ते जो कुछ हम पढ़ें उसे याद रखने की भी कोशिश करें। जागरण का विषय क्षेत्र विशाल है हम उसमें से जितना अधिक ग्रहण करेंगे उतनी ही हमारी सफलता सुनिश्चित होगी।

अन्विता पांडेय, शोध छात्रा

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बौद्धिक स्तर ऊंचा उठाता है संपादकीय पेज

दैनिक जागरण अखबार के संपादकीय पेज का स्तर बहुत ही उच्चकोटि का है। ऐसा कोई समसामयिक विषय होता ही नहीं है जो जागरण के संपादकीय का हिस्सा न बन सके। महत्वपूर्ण मुद्दों पर त्वरित टिप्पणी बेजोड़ होती है। पढ़ने-लिखने वाले छात्र व अन्य क्षेत्रों के लोग भी इस पेज को पढ़ना पसंद करते हैं। देश विदेश में होने वाले खेलों की खबरें सटीक होती हैं। कई बार क्रिकेट में रुचि रखने वाले विद्यार्थी जागरण से ही स्कोर जानते हैं। जब से नेट पर जागरण उपलब्ध हुआ है तब से अखबार पढ़ना और भी आसान हो गया है। यात्रा के दौरान स्थानीय खबरों को जानने का सबसे उपयुक्त माध्यम होता है। इसका लाभ मेरे जैसे कई विद्यार्थी उठा रहे हैं। खास बात यह है कि नेट पर मिलने वाली खबरें ही अखबार में रहती हैं। ऐसे में नेट पर अखबार पढ़ना ज्यादा सुविधाजनक है। आने वाले वर्षों में अखबार तकनीक और अधिक इस्तेमाल करके जागरण जनजन तक पहुंच बनाएगा इसकी उम्मीद है।

अनुपमा श्रीवास्तव, इंजीनिय¨रग छात्रा


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