दबे पांव ग्राहक आए, बुझे मन से काम निपटाए
समय से खुला बैंक दहशत में रहे लोग
बस्ती : शहर के मालवीय रोड स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में 6 दिसंबर को हुए लूटकांड के बाद दूसरे दिन शनिवार को दहशत का माहौल रहा। बैंक सुबह समय से खुला, लेकिन रोजाना की हलचल नहीं दिखी। ग्राहक आए, लेकिन दबे पांव। बैंक कर्मचारी भी डरे सहमे हुए थे। लेनदेन की रफ्तार धीमी रही। ग्राहक और कर्मचारी दोनों बुझे मन से काम निपटा रहे थे।
बैंक में प्रवेश करने वाले हर शख्स पर कर्मचारियों की निगाह थी। मेन गेट पर ही सुरक्षा गार्ड टोकाटाकी करते नजर आए। अंदर पहुंचने पर अजीब सन्नाटा। सभी के चेहरे पर एक जैसा भाव। कैसे क्या हो गया। बैंक कर्मियों से मिलने जुलने वाले ग्राहक घटना को लेकर चर्चा भी करते रहे। हर कोई यह जानना चाह रहा था कि लुटेरे पकड़े गए या नहीं। बैंक कर्मियों की तरफ से बस एक जवाब जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा। दिन भर में 50 से 60 की संख्या में ग्राहकों का आना हुआ। धीमी गति से ही सही लेनदेन की प्रक्रिया भी जारी रखी गई। बैकिग समय पूरा होने पर तीन बजे बैंक का शटर गिर गया।
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ब्रांच पर पहुंचे जोनल हेड
आइसीआइसीआइ बैंक के जोनल हेड अमिताभ सिंह भी पूरी टीम के साथ दूसरे दिन लखनऊ से बस्ती ब्रांच आ पहुंचे। उन्होंने बैंक शाखा के अधिकारियों, कर्मचारियों से घटना के बारे में जानकारी ली। अभिलेख भी चेक किए गए। लूटे गए धनराशि के बारे में छानबीन की। एक-एक कर्मचारियों से घटना के बाबत पूछताछ की। बैंक अफसरों की टीम देर शाम तक बस्ती में जमी रही।
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दौड़ भाग करते रहे प्रबंधक
शाखा प्रबंधक अखिलेश शुक्ल बैंक का कामकाज संभालने के साथ ही दौड़ भाग भी करते रहे। जांच में सहयोग के लिए वह पुलिस अधिकारियों के संपर्क में रहे। उनकी गैरमौजूदगी में ब्रांच की जिम्मेदारी उप शाखा प्रबंधक रवि श्रीवास्तव संभाले रखे। बताया पहले की तरह शनिवार को भी बैंक में कामकाज हुआ।
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पहुंचती रही पुलिस टीमें
आइसीआइसीआइ ब्रांच में पुलिस की अलग-अलग टीमें पहुंचती रही। ब्रांच बंद होने के बाद देवरिया क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची। उप शाखा प्रबंधक से टीम ने घटना का विवरण जाना। इसके पहले दिन में भी पुलिस अधिकारी आते-जाते रहे।
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बैंक की सुरक्षा बढ़ाई गई
लूटकांड की घटना के बाद ब्रांच की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मेन गेट पर निजी सिक्योरिटी कंपनी के दो असलहाधारी गार्ड तैनात रहे। वहीं पुलिस के दो जवान भी तैनात किए गए थे। पहले यहां तीन शिफ्ट में सुरक्षा की ड्यूटी लगाई थी। प्रति शिफ्ट में एक निहत्थे गार्ड की तैनाती होती रही।
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लूटने से बच गए एटीएम वेंडर
लूटकांड के दौरान एटीएम वेंडर लुटेरों से बच गए। वह कैश लेने के लिए बैंक में मौजूद थे। एक काउंटर पर वेंडर को देने के लिए कैश गिना जा रहा था। तभी लुटेरों ने धावा बोल दिया। जिससे इकट्ठा कैश उनके हाथ लग गया। गनीमत बस इतना कि कैश प्राप्ति की प्रक्रिया वेंडर ने नहीं पूरी की थी।