सत्तापक्ष ने सराहा,विपक्ष ने की आलोचना
नागरिक संशोधन विधेयक लाकर सरकार ने दृढ़ इछा शक्ति का परिचय दिया है।
बस्ती : बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक राज्य सभा से भी पास होने के बाद गुरुवार को इसको लेकर को लेकर चाक-चौराहे पर चर्चा होती रही। राजनीतिक दलों ने इसे अपने अपने नजरिए से देखा। विपक्षी दलों ने जहां इस विधेयक को संविधान विरोधी बताया,वहीं सत्ताधारी दल ने इसकी सराहना की। पेश है,बातचीत के प्रमुख अंश।
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भारत धर्मशाला नहीं है। लेकिन दूसरे देशों में रह रहे भारतीय मूल की विचारधारा से जुड़े लोगों का भारत में सम्मान है। यह विधेयक पूरे देश के लिए हितकर है। चहुंओर सरकार की सराहना हो रही है।
महेश शुक्ल, जिलाध्यक्ष, भाजपा।
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संविधान के खिलाफ कोई फैसला स्वीकार नहीं है। भारत दुनिया का सबसे महान देश है। क्योंकि जाति, धर्म और लिग के आधार पर कोई भेदभाव यहां नहीं किया जाता है। सरकार का नागरिक संशोधन बिल भारत की मूल पहचान के विपरीत है। इससे हमारे देश का सम्मान घटेगा।
महेंद्र नाथ यादव, जिलाध्यक्ष, सपा।
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सरकार आरएसएस का विधान लाना चाहती है। नागरिक संशोधन बिल संविधान के खिलाफ है। बाबा साहब के सपनों को चकनाचूर किया जा रहा है। उनके बनाए संविधान से छेड़छाड़ कर गलत संदेश दिया जा रहा है। यह विराट ह्दय का देश है। एक विचारधारा पर देश नहीं चल सकता है।
अंकुर वर्मा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस।
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यह विधेयक कतई देश हित में नहीं है। हमारी पार्टी ने सदन में वाकआउट किया है। इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया जाएगा। देश में तफरका फैलाने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार एक संवैधानिक संस्था है। सभी को साथ लेकर चलने का दायित्व सरकार पर है।
संजय धुसिया, जिलाध्यक्ष, बसपा।
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हमारे देश की विचारधारा से मेल खाने वाले लोग अन्य देशों में सताए जाते हैं। अब भारत ऐसे धार्मिक विचारधारा के लोगों के लिए शरणार्थी बनेगा। इससे गौरवपूर्ण बात और क्या हो सकती है। संशोधित विधेयक नि:संदेह स्वागत योग्य है। इससे देश में भाईचारा और बढेगा।
दयाराम चौधरी, विधायक, बस्ती सदर।
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हमारी सरकार भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति समर्पित है। भारतीय मूल एवं यहां की विचारधारा से जुड़े लोगों को दुनिया के किसी देश में अब यातना नहीं सहनी पड़ेगी। भारत उन्हें अपना शरणार्थी बनाएगा। सरकार के इस निर्णय से पूरी दुनिया में खुशी है।
हरीश द्विवेदी, सांसद।