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मानसिक रोग से संबंधित मरीजों की जांची गई सेहत

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के साइकेट्रिक सोशल वर्कर डा. राकेश कुमार ने बताया मानसिक विकार से ग्रस्त लोगों उनके परिजनों व सामान्य जन-समुदाय को डिमेंशिया व अल्जाइमर्स के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 11:09 PM (IST)
मानसिक रोग से संबंधित मरीजों की जांची गई सेहत
मानसिक रोग से संबंधित मरीजों की जांची गई सेहत

बस्ती : जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बस्ती के तत्वावधान में मंगलवार को जिला अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ कक्ष में शिविर आयोजित हुई। यहां मानसिक रोग से संबंधित मरीजों की स्कैनिंग की गई। चिकित्सक ने परामर्श दिए।

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राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के साइकेट्रिक सोशल वर्कर डा. राकेश कुमार ने बताया मानसिक विकार से ग्रस्त लोगों, उनके परिजनों व सामान्य जन-समुदाय को डिमेंशिया व अल्जाइमर्स के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। जिसमें जनसंपर्क के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान चलाकर एवं 26 सितंबर को वृद्धाश्रम बनकटा में शिविर के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह 26 सितंबर तक चलेगा। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के मनो चिकित्सक डा. अनिल कुमार दुबे ने लोगों को बताया गया कि अल्जाइमर एक बीमारी है जो वृद्धावस्था में अक्सर किसी न किसी को हो जाती है। इसके मुख्य लक्षण है याददाश्त का लगातार कम होना, रोजमर्रा के काम करने में समस्या होना, बातचीत करने में असमर्थ, व्यवहार में परिवर्तन, जरूरी चीजें भूल जाना जैसे नाश्ता किया कि नहीं, बाथरूम किया कि नहीं, नहाया कि नहीं यदि ऐसे लक्षण प्रतीत होते हैं तो जिला चिकित्सालय की ओपीडी सोमवार, बुधवार व शुक्रवार में और अपना इलाज कराएं। एसीएमओ डा. सीके वर्मा ने डिमेंशिया व अल्जाइमर्स के लक्षण जैसे- वृद्धावस्था में याददाश्त में लगातार कमी आना, सामाजिक गतिविधियों से अलगाव, परिवार, दोस्त, रिश्तेदारों को न पहचान पाना व अन्य लक्षणों के संबंध में बताया। जिले में 2016 से मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जागरूकता के क्रम में प्रत्येक वर्ष आठ मेगा शिविर एवं एक वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है। जिससे जनमानस को मानसिक अस्वस्थता के लक्षणों के बारे में जागरूक हों, क्यों कि समाज में फैली हुई भ्रांतियों जैसे झाड़-फूंक आदि से लोग दूर हुए और मानसिक स्वास्थ्य इकाई जिला चिकित्सालय में आकर अपना इलाज करा सके। गैर संचारी रोग कार्यक्रम के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद गौरव शुक्ल ने युवा वर्ग से अपील किया कि वे अपनी दिनचर्या अथवा जीवन शैली को सुधारें नहीं तो डिमेंशिया, अल्जाइमर्स के बीमारी से समय से पहले ग्रसित हो सकते हैं। उन्होंने कहा की योगा, मैडिटेशन, व्यायाम और भरपूर नींद लेना इस बीमारी के रोकथाम लिए जरूरी है। शिविर में 40 मरीजों का परीक्षण किया गया। चार मरीज डिमेंशिया के लक्षणों से ग्रसित पाए गए। उन मरीजों को दवा एवं चिकित्सीय परामर्श दिया गया। जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई से नीलम शुक्ला, निधी राव, संजय पटेल, दिलीप पांडेय आदि रहे।


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