घाट पर सज रही वेदी, घर में हुआ खरना
मइया की स्तुति के साथ सजाए जा रहे पूजन के डाल
बस्ती : सूर्योपासना का महापर्व छठ अब भव्यता की ऊंचाई छूने लगा है। घर ही बचे होंगे लेकिन कोई भी मोहल्ला और कस्बा ऐसा नहीं है जहां इस पर्व की रौनक न दिख रही हो। रविवार से छठ उत्सव प्रारंभ हो गया है। दूसरे दिन सोमवार को व्रती महिलाओं ने मइया की स्तुति गान के साथ उपवास रखा। शाम को खरना का विधान पूरा किया गया। व्रती महिलाओं ने इस दिन का विशेष प्रसाद खीर खाई और परिवार के सभी सदस्यों में वितरित किया। छठ पर्व के गीतों से व्रतियों का घर गुलजार हो चुका है। पास पास पड़ोस की महिलाएं जुट रही हैं। छठ मइया की कृपा पाने के लिए सभी लालायित हैं। जिन घरों में उपवास की परंपरा नहीं है वहां की महिलाएं पूजन कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। मोहल्ले की अन्य व्रतियों के साथ सभी रस्म में भागीदार बन रही हैं। मइया के गुणगान में महिलाओं की अटूट श्रद्धा देखते बन रही है। घर में विधिवत साफ-सफाई एवं भक्तिमय माहौल में पूजन के डाल सजाए जा रहे है। विशेष किस्म के पकवान बन रहे हैं। पवित्र मन से उपवास रखकर महिलाएं सुख, समृद्धि, संतान के मंगल जीवन की कामना कर रही हैं। दूसरे दिन इस पर्व का रंग और चटख हो चला है। परिवार के सभी सदस्य तैयारियों में जुटे है। उमंग और उल्लास का माहौल चौतरफा बना हुआ है। शहर के प्रमुख घाट अमहट और निर्मली कुंड पर वेदियां लगभग सज चुकी हैं। दूसरे दिन भी श्रद्धालु यहां जुटकर व्रतियों के लिए सुंदर, आकर्षक वेदी तैयार किए। मंगलवार की शाम से वेदी पर पूजन-अर्चन का दौर शुरू हो जाएगा।
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आज अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
छठ पर्व के तीसरे दिन से व्रतियों के लिए कठिन परीक्षा का समय शुरू होता है। चौबीस घंटे बिना कुछ खाए पीये छठ मइया की स्तुति गाई जाएगी। मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अमहट घाट और निर्मली कुंड सज धजकर तैयार हो चुका है। यहां व्रती महिलाओं का हुजूम उमड़ेगा। दोपहर बाद से ही माताएं अपने परिवार के साथ अपनी-अपनी वेदी पर पहुंच जाएगी। मइया की आराधना पूरी रात होगी। प्रसाद चढ़ेगा। अगली सुबह उगते हुए सूर्य को फिर अर्घ्य देने बाद तपस्या पूरी होगी। इस दौरान कुछ जगहों पर भजन-कीर्तन का भी कार्यक्रम रखा गया है।
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बाजार में जमकर हुई खरीदारी
छठ पर्व के मद्देनजर बाजार की रौनक भी चटख हो गई है। व्रती महिलाएं खुद बाजार में उमड़ पड़ी। दउरी, सूपा, फल आदि की जमकर खरीदारी की गई। गांधीनगर क्षेत्र तो पूजन सामग्रियों की दुकानों से भरा हुआ है। यहां खरीदारों की भीड़ जुटने से दिन में कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हुई। दक्षिण दरवाजा और पुरानी बस्ती क्षेत्र में छठ पूजा में प्रयुक्त होने वाले सामान का बाजार दिन भर गरम रहा ।
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मइया की महिमा सबसे निराली
छठ उत्सव में शामिल होने वाली महिलाएं मइया का बखान करने से नहीं थकतीं। बाजार में खरीदारी को आई वंदना ने बताया कि उनके यहां इस पर्व की परंपरा नहीं है। लेकिन पूजा देखकर उनकी भी आस्था छठ मइया से जुड़ गई है। वह उपवास तो नहीं रहती हैं लेकिन अंतिम दिन अर्घ्य देने घाट पर जरूर जाती हैं। शिखा शुक्ला ने कहा कि पांच वर्षों से लगातार छठ पूजा में भागीदार बन रही हैं। मइया की महिमा निराली है। उनकी कृपा पूरे परिवार पर बनी हुई है। पूजा ने बताया कि उनके घर में यह पर्व 20 साल से मनाया जाता है। सच्चे मन से मइया का विधि विधान से पूजा करना विशेष फलीभूत होता है।