पाई-पाई जोड़ बनाया आशियाना,बेबसी में तोड़ रहे एक-एक ईट
कटान होने से दिलासपुर और खजांची पुर गांव में मची तबाही
जागरण संवाददाता, बस्ती: लाल निशान से उतर रही सरयू अब समीपवर्ती गांवों का आशियाना उजाड़ रही है। तीव्र वेग की धारा का कटान कम नहीं हुआ। पहले कृषि योग्य भूमि को निगली और अब आबादी की ओर रूख कर गई। सहमे ग्रामीण नदी का विकराल रूप देख अपना आशियाना खुद उजाड़ने लगे हैं। दुबौलिया ब्लाक के दिलासपुर और खजांचीपुर गांव में इन दिनों कुछ ऐसा ही भयावह मंजर है.।
सरयू की लहरों के साथ घर बहने की चिता गहरी हो गई है। जिदगी की गाढ़ी कमाई के कुछ ही अंश हाथ लग जाए, इस आश में लोग अपने घरौंदे उजाड़ दे रहे हैं। पेड़ों को काटकर उसे भी सुरक्षित किया जा रहा है। यह त्रासदी तब शुरू हुई जब सरयू उतरने को है। दिलासपुरा के भरपुरवा मजरे में 8 परिवार रहते हैं। यह सभी अब बेघर हो रहे हैं। यादव और राजभर बिरादरी के लोगों का यहां पुस्तैनी निवास है। ऐसी नौबत कभी नहीं आई कि अपने ही हाथों घर उजाड़ना पड़े।
जानिए, इनकी पीड़ा
रमेश यादव, चंदर, मुन्नु, बिजय, बाबा, लल्ला, बल्ली राजभर आदि ने बताया पहले नदी उनके गांव से काफी दूर थी। कई वर्षों से लगातार जमीन काट रही है। इस बार कटान इतनी तेज हुई कि अब नदी हमारे घरों को निगलने को आतुर है। प्रशासन ने बाढ़ राहत सामग्री देकर फुर्सत पा लिया। उन्हें फिर से बसाने की कोई योजना नहीं है। तटबंध के पार कहीं उनकी जमीन भी नहीं है। सरयू मइया की पूजा भी इस बार फलीभूत नहीं हो रही है। यह लोग तटबंध पर ही खानाबदोश जिदगी गुजारने को विवश है।
मिट्टी की बोरियों से रोक रहे कटान
अतिसंवेदनशील तटबंध कटरिया- चांदपुर एवं चांदपुर- गौरा पर सरयू नदी का दबाव बरकरार है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 92.73 मीटर पर स्थिर है। भरपुरवा, गौरा, मठिहा गांव के सामने तेजी से कटान हो रही है। खजांचीपुर गांव के सामने तो नदी तटबंध के नजदीक आ गई है। विभाग क्षतिग्रस्त स्परों एवं ठोकरों पर मरम्मत के नाम पर बोल्डर की जगह मिट्टी व ईट की भरी बोरियां डाल रहा हैं। सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया आवश्यकता पड़ने पर बोल्डर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।