विश्व के कई देशों में प्रतिष्ठित हो रही ¨हदी
¨हदी दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेमचंद साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान, मंजरी मौलि श्री साहित्यिक संस्था और वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा गुरुवार को प्रेस क्लब में संगोष्ठी, कवि सम्मेलन और सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
बस्ती: ¨हदी दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेमचंद साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान, मंजरी मौलि श्री साहित्यिक संस्था और वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा गुरुवार को प्रेस क्लब में संगोष्ठी, कवि सम्मेलन और सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि चिकित्साधिकारी डा. वीके वर्मा ने कहा कि इंटरनेट के रथ पर सवार होकर ¨हदी विश्व के कई देशों में प्रतिष्ठित हो रही है। ¨हदी का भविष्य उज्ज्वल है। डा. रामदल पांडेय ने कहा कि ¨हदी मातृ भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है ही अब यह भाषा रोजगार, संस्कार और व्यवहार में संसार में अनिवार्यता की ओर अग्रसर है। डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' ने कहा कि ¨हदी का साहित्य विविध भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है यह उसकी बड़ी उपलब्धि है। अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ कवि भद्रसेन ¨सह 'बंधु' ने कहा कि जो लोग ¨हदी की रोटी खा रहे हैं उन्हें और अधिक सजग होकर ¨हदी के वैज्ञानिक स्वरूप को विकसित करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चंद्र पांडेय ने ¨हदी भाषा के विकास, वर्तमान स्वरूप पर प्रकाश डाला। सत्येन्द्रनाथ मतवाला, त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, श्याम प्रकाश शर्मा, ओम प्रकाश मिश्र, मो. वसीम अंसारी कहा कि ¨हदी समूचे संसार में प्रतिष्ठित हो रही है। डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में ताजिर बस्तवी, आतिश सुल्तानपुरी, सागर गोरखपुरी, पं. चन्द्रबली मिश्र, लालमणि प्रसाद, हरीश दरवेश, पंकज सोनी, जगदम्बा प्रसाद भावुक, सत्यदेव त्रिपाठी, रहमान अली रहमान, कलीम वस्तवी 'हकीकी', सुमेश्वर यादव, अजमत अली सिद्दीकी, जुनेद फरहाज आदि की रचनायें सराही गई। कार्यक्रम में बटुकनाथ शुक्ल, राममणि शुक्ल, पेशकार मिश्र, राधेश्याम त्रिपाठी, रामदत्त जोशी, दीपक प्रसाद के साथ ही रामचन्द्र राजा, सन्तोष भट्ट, डा. अरविन्द निषाद, जगदीश प्रसाद पाण्डेय, विनय प्रकाश श्रीवास्तव, मो. सामईन फारूकी मौजूद रहे। ग्रीन वैली स्कूल में ¨हदी पखवारा कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीकृष्ण पांडेय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य योगेश शुक्ल ने की। कहा कि हमे गर्व है कि ¨हदी हमारी मातृ भाषा है जो आत्मीयता बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। इस मौके पर पूर्व प्रधानाचार्य मारकंडेय ¨सह, रेनृू जायसवाल, संध्या ¨सह, अर्चना ¨सह, अंजू, शशी, जया स्लेहा, प्रतिभा, रुचि शिखा, शिवांगी मौजूद रहीं।
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यह हुए सम्मानित
गोष्ठी के बाद आयोजित सारस्वत सम्मान समारोह में वयोवृद्ध कवि भद्रसेन ¨सह बंधु, को साहित्य भारती सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में डा. रामदल पांडेय, राकेश प्रताप ¨सह, डा.वीके. वर्मा, डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, पंकज कुमार सोनी, राधेश्याम शुक्ल, सत्येन्द्रनाथ मतवाला, जगदम्बा प्रसाद भावुक, विनोद कुमार उपाध्याय को साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में सम्मानित किया गया।