नेशनल हाई-वे पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का स्लैब गिरने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश
बस्ती-लखनऊ फोरलेन पर बन रहे फुट एरिया के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज का एक डेक स्लैब आज सुबह अचानक गिर गया। स्लैब गिरने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
बस्ती (जेएनएन)। वाराणसी में फ्लाईओवर की बीम गिरने का मामला अभी पुराना भी नहीं हुआ था कि आज बस्ती में नेशनल हाई-वे पर बन रहे फ्लाईओवर का डेक स्लैब गिर पड़ा। जिससे चार मजदूर घायल हैं। फ्लाईओवर का 60 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। ओवर ब्रिज गिरने की घटना को लेकर जिलाधिकारी राजशेखर ने दोपहर में मुख्यमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र से घटना की जानकारी दी। शाम तक केंद्रीय सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए।
बस्ती में लखनऊ को गोरखपुर से जोडऩे वाले नेशनल हाई-वे-28 पर बने रहे फ्लाईओवर का एक डेक स्लैब आज गिर पड़ा। इस हादसे में चार लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। अभी भी मलवे में दो लोग फंसे हैं। जिनको बाहर निकालने के साथ ही राहत व बचाव कार्य जारी है।मौके पर बस्ती के डीएम राजशेखर और एसपी दिलीप कुमार समेत एनएचएआई के अधिकारी मौजूद हैं।
बस्ती-लखनऊ फोरलेन पर बन रहे फुट एरिया के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज का एक डेक स्लैब आज सुबह अचानक गिर गया। इसमें चार मजदूर घायल हो गए हैं। इसके मलवे के नीचे और मजदूर दबे होने की आशंका है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए राहत बचाव कार्य जारी है। फ्लाईओवर के किनारे लोहे का क्लैंप लगाकर शटरिंग पर कंक्रीट की ढलाई का काम चल रहा था। इसी दौरान फ्लाईओवर का एक डेक स्लैब गिर गया।
घायल मजदूरों में धर्मेंद्र सिंह और सुरेश राय के रूप में पहचान हुई है। इन दोनों को जिला अस्पताल भेजा गया है। ओवर ब्रिज और पिलर के बीच फंसे मजदूर बाबू साह को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास बीते 18 मई को एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में सेतु निगम के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। योगी सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 7 इंजीनियर और एक ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार भी करने का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
बस्ती जिले के फुटहिया राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले निर्माणाधीन फ्लाइओवर की डेक स्लैब गिरने की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के साथ ही वहां पर यातायात सुचारू कराने का निर्देश दिया है।
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए है। सीएम ने स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत कार्य शुरू करने और यातायात सुचारू कराने के निर्देश दिए है। पुल का निर्माण एनएचएआई करा रही थी।
भारी वाहनों को डायवर्ट कर निकाला गया
लखनऊ को जाने वाले सभी भारी वाहनों को डायवर्ट कर मूड़घाट से गनेशपुर होते हुए निकाला गया। लखनऊ से आने वाले वाहनों को कप्तानगंज से डायवर्ट कर गनेशपुर व वाल्टरगंज होते हुए बस्ती हाईवे पर निकाला गया। इस दौरान राहगीरों और बस यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। सड़क पर वाहनों के खड़े होने से जाम जैसे हालत रहे। सुबह के समय लोग घरों से निकल कर गंतव्य के लिए सवारी व खुद के वाहनों से रवाना हो रहे थे। सर्विस रोड का आवागमन प्रशासन ने रोक दिया। ट्रक व बसों को डायवर्ट कर निकाला गया। सुबह 7.55 बजे से गोरखपुर से आने वाले वाहनों को खलीलाबाद व बस्ती के मध्य रोक दिया गया। टोल प्लाजा के पहले से वाहनों को डायवर्ट कर वाल्टरगंज होते हुए कप्तानगंज व हर्रैया निकाला गया, तो मूड़घाट से गनेशपुर होते हुए दुबौला कप्तानगंज भेजा गया।
बस्ती में बन रहे नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर गिरने से हताहत लोगों को सरकार तुरंत राहत पहुँचाए. इस ‘ना-काम सरकार’ में कोई काम नहीं हो रहा है और जो एकआध हो भी रहा है, तो उसकी ये दुर्दशा है. अब तो सरकार को अपने कामों की कमी व भ्रष्टाचार की जाँच के लिए कोई स्थायी आयोग ही बना देना चाहिए. pic.twitter.com/hX6fPQV2bD— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2018
फैजाबाद की ओर से आने वाले वाहनों को कप्तानगंज से दुबौला होते हुए गनेशपुर व टिनिच के रास्ते वाल्टरगंज होते हुए बस्ती बड़ेवन निकाला गया। इस दौरान लोड वाहनों को खड़ा कर दिया गया, चूंकि फंसने का अंदेशा था। परिवहन निगम की बसें, कार, अनलोड ट्रक समेत डीसीएम, जीप, टैंपो को डायवर्ट किया गया था। सिर्फ दो पहिया वाहनों को आने-जाने दिया जा रहा था। पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार के निर्देश पर बस्ती-फैजाबाद मार्ग का एक लेन दो घंटे बाद सुबह 9.55 बजे बहाल कर दिया गया। फैजाबाद-बस्ती की ओर से आने वाले वाहनों का डायवर्जन जारी रहा। परिवहन निगम के यातायात निरीक्षक कन्हैया पाठक, रोडवेज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कन्हैया सिंह जानकारी लेने मूड़घाट पहुंचे।
उन्होंने चालकों को बसों को वैकल्पिक रास्तों से निकालने का निर्देश दिया। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजेश्वर सिंह ने बताया कि 60 से अधिक बसें प्रभावित हुई। डायवर्ट के चलते दूरी कई किलो मीटर में बढ़ गई। निगम ने यात्रियों पर भार नहीं डाला, खुद वहन करने का फैसला लिया। क्षेत्राधिकारी व यातायात प्रभारी आलोक सिंह ने बताया कि मलबा हटने के बाद वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया। वहीं क्षेत्राधिकारी कलवारी अरविंद वर्मा ने बताया कि 11 बजे फैजाबाद-बस्ती का डायवर्ट लेन को भी शुरू कर दिया गया। यातायात सुचारू रूप से संचालित करा दिया गया है। फिलहाल अब कोई डायवर्ट नहीं है, जरूरत पड़ी तो इसकी सूचना दी जाएगी।
घटना की जांच को बनी उच्चस्तरीय कमेटी
ओवर ब्रिज गिरने की घटना को लेकर जिलाधिकारी राजशेखर ने दोपहर में मुख्यमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र से घटना की जानकारी दी। शाम तक केंद्रीय सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए। जांच टीम में डायरेक्टर जनरल आरडी एनके सिन्हा, चीफ इंजीनियर बीके सिन्हा,सीनियर प्रिसिपल साइंटिस्ट इंजीनियरिंग एवं स्ट्रक्चर्स डिवीजन जीके साहू,चीफ इंजीनियर एनएच डिवीजन आर आर सिंह शामिल किए गए हैं। इस टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा। हादसे के बाद शाम को कार्यस्थल पर जांच को नोडल अधिकारी केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय (एमओआरटी) एवं मुख्य अभियंता दिग्विजय मिश्र और अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ल घटना स्थल पर पहुंचे। निरीक्षण करने के बाद यह दोनों अधिकारी जिलाधिकारी डा. राजशेखर से मिले और पुल से जुड़े पहलुओं की जानकारी देंगे। डीएम ने मुख्य अभियंता को घटना की जांच के लिए लिखे गए पत्र की प्रति सौंपी और इसे गंभीर प्रकरण बता जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा। मुख्य अभियंता से बताया इसकी जांच के लिए हाई लेबल कमेटी गठित कर दी गई है।