पिता बोले,खेत बेच कर जमा करेंगे खिलाड़ी बेटे की फीस
बेबस पिता अब नहीं लगाना चाहता है किसी से न्याय की गुहार
बस्ती : बनकटी नगर पंचायत के बजहां गांव निवासी राष्ट्रीय बैडमिटन खिलाड़ी शिवम मिश्र इंडोनेशिया के एक ट्रेनिग सेंटर में चार महीने से फंसा है। प्रशिक्षण केंद्र की फीस लगातार बढती जा रही है। निराश पिता कृष्ण कुमार मिश्र ने कहा अब वह किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे। खेत बेंच कर बेटे की फीस जमा कर स्वदेस वापसी कराएंगे।
शिवम 15 मार्च को भारत से वहां प्रशिक्षण लेने गया था। पिता कृष्ण कुमार मिश्रा कहते हैं कि विधायक, सांसद के अलावा जिले के सभी बड़े अधिकारियों से मिलकर बेटे की वापसी की गुहार लगा चुके हैं। आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए सबसे मिले,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बताया शिवम बैडमिटन की ट्रेनिग लेने खुद के व्यय से एक महीने के लिए इंडोनेशिया खेल का प्रशिक्षण गया था। प्रशिक्षण फीस के मद में 1.30 लाख रुपये इंतजाम कर वह भेज चुके हैं। प्रशिक्षण संस्थान का कहना है कि कोविड-19 की वजह से अगर शिवम उनके यहां रुका है तो उसे पूरी फीस चुकानी होगी। इस तरह फीस की यह रकम बढ़कर चार लाख रुपये हो गई है। बताया कि बेटा बाबू बनारसी दास बैडमिटन ट्रेनिग सेंटर लखनऊ में ट्रेनिग ले रहा है।
इन्होंने छेड़ी शिवम को भारत लाओ मुहिम
शिवम के वतन वापसी के लिए समाजसेवी राना दिनेश प्रताप सिंह,बाघापार निवासी विनय अग्रहरि के बाद अब सामाजिक कार्यकर्ता व उत्तर प्रदेश खेल संघ के जिलाध्यक्ष रिकू दूबे ने सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी है। भाजपा नेता ने कहा सरकार की उदासीनता के चलते प्रतिभावान खिलाड़ी इंडोनेशिया में फंसा है। उसके परिवार की स्थिति ऐसी नहीं है ,जो एक साथ चार लाख रुपये जमा कर सके। वैसे आपदा के चलते उसे वहां रुकना पड़ा। संस्थान का रुके हुए अवधि का फीस मांगना गलत है।