टिड्डी दल को लेकर अलर्ट, एडवाइजरी जारी
टिड्डी दल को नियंत्रित करने के तौर-तरीके बताए
जागरण संवाददाता, बस्ती : प्रदेश में टिड्डी दल के प्रकोप को देखते हुए जिले में अलर्ट घोषित किया गया है। कृषि विभाग ने किसानों को एडवाइजरी जारी की है। साथ ही उनको टिड्डी दल को नियंत्रित करने के तौर-तरीके भी बताए हैं। अफसरों ने टिड्डी दल नजर आने पर तुरंत सूचित करने का अनुरोध किया है।
जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया देश के कुछ राज्यों में टिड्डी दल का प्रकोप बढ़ रहा है। यह दल एक साथ झुंड के रूप में चलता है। इसकी चपेट में आने पर फसलें नष्ट हो जाती हैं। दल में शामिल मादा बड़े आकार की होती है। एक बार में 120 अंडे तक देती है। करीब 20 दिन बाद अंडों से बच्चे बाहर आ जाते हैं।
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12 सप्ताह होता है मादा कीट का जीवनकाल
एक मादा कीट का जीवनकाल 12 सप्ताह का होता है। नर कीट समागम के बाद मर जाता है। टिड्डी दल समूह में उड़ता है और प्रत्येक किलोमीटर के दायरे में एक से डेढ़ करोड़ तक की संख्या में रहता है।
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ऐसे नियंत्रित होगा टिड्डी दल
- गांव में टिड्डी दल का प्रकोप नजर आए तो उसकी सूचना जिला प्रशासन तक पहुंचाई जाए।
- टिड्डी दल का प्रकोप होने पर किसान समूह में एकत्र होकर टीन के डिब्बे, थाली, ढोल, नगाड़ा, डीजे बजाते हुए शोर मचाएं ताकि दल आगे न बढ़ सके।
- बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अंडा देने के लिए अनुकूल होता है। ऐसे खेतों में जोताई व सिचाई कर दें ताकि इनके प्रजनन को बाधित किया जा सके।
- दल नजर आते ही किसान कलोरोपायरीफास 20 फीसद, हैम्डासाये हैलोथ्रिन पांच फीसद दवा का फसल एवं पेड़ों पर छिड़काव करें।
- खेतों के चारों तरफ गड्ढे कर दें ताकि टिड्डी दल उनमें आकर अंडा दे। इसे मिट्टी से दबाकर नष्ट करें।