निकलने लगीं धान की बालियां, बरतें सावधानी
खरीफ की प्रमुख फसल धान में बालियां निकलने लगी हैं। पौधों में बालियां निकलते समय फसल में रोग लगने तथा कीट पतंगों का भी खतरा बढ़ जाता है।
बस्ती: खरीफ की प्रमुख फसल धान में बालियां निकलने लगी हैं। पौधों में बालियां निकलते समय फसल में रोग लगने तथा कीट पतंगों का भी खतरा बढ़ जाता है। किसान यदि फसल की देखभाल में जरा सी लापरवाही करेंगे तो पैदावार प्रभावित हो सकती है। जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार ने बताया कि धान की बालियों के निकलने का समय आ गया है। कुछ अगेती प्रजाति में बालियां निकल चुकी हैं। किसानों को इस समय सावधानी बरतने की खास जरूरत है। इस समय फसल में झुलसा, तनाबेधक, गंधी कीट, फुदका का खतरा बढ़ जाता है। झुलसा रोग लगने से फसल की पत्तियां सूखने लगती हैं। यदि समय पर रसायनों का छिड़काव नहीं किया गया तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है। धान की अगेती फसल में गंधी कीट, फुदका व तनाछेदक का खतरा काफी अधिक रहता है। गंधी कीट बालियां निकलते ही उनका रस चूसने लगती हैं। जिससे दाने बनने के बजाए बालियां सूखने लगती हैं। फुदका तथा तनाछेदक की बालियां को काटने लगते हैं। जिससे फसल की पैदावार प्रभावित होती है। इनकी रोकथाम के लिए किसान फूल आने के तीन चार दिन बाद मैलाथियान अथवा फिप्रोनल दो मिली ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव कर फसल की सुरक्षा कर सकते हैं। फूल निकलते समय किसी रासायनिक उर्वरक अथवा कीटनाशक का प्रयोग न करें। इनका प्रयोग करने से फूल का पराग सही ढंग से नहीं हो पाता। जिससे उपज में कमी आती है। धान की फसल में मानक के अनुसार ही नाइट्रोजन का प्रयोग करें। अधिक मात्रा में प्रयोग करने से फसल के नीचे गिरने का डर रहता है। इस समय फसल की निगरानी पर जोर देने की जरूरत है।