सपना बन कर रह गई बेहतर सड़क
बेहतर सड़क जिले में किसी स्वप्न से कम नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण इलाके की कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जिस पर बिना किसी बाधा व्यवधान के यात्रा की जा सके। जिले में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान पूरी तरह से फ्लाप हो चुका है। जो सड़कें गड्ढा मुक्त की गईं हैं वह भी अब चलने योग्य नहीं रह गईं
बस्ती: बेहतर सड़क जिले में किसी स्वप्न से कम नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण इलाके की कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जिस पर बिना किसी बाधा व्यवधान के यात्रा की जा सके। जिले में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान पूरी तरह से फ्लाप हो चुका है। जो सड़कें गड्ढा मुक्त की गईं हैं वह भी अब चलने योग्य नहीं रह गईं हैं।
यह बात रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो जागरण में पाठकों ने कहीं। गौर ब्लाक के अइला गांव के पीसी अग्रवाल ने कहा कि अइला कला से हलुआ गांव तक जाने वाली सड़क बदहाल हो चुकी है। इस सड़क पर यात्रा काफी कठिन है। बहादुरपुर ब्लाक के जोगीपुर गांव के राम भवन यादव ने कहा कि जोगीपुर गांव से पुल एप्रोच तक का रास्ता काफी खराब हो चुका है। पिपरागौतम गांव के सुरेंद्र उपाध्याय, बबलू ¨सह ने कहा कि पिपरा गौतम से जोगीपुर व देवड़ार घाट से पिपरागौतम-बेलाड़ी जाने वाली सड़क चलने योग्य नहीं रह गई है। गनेशपुर के मुख्तार अली ने बताया कि मोहम्मदपुर, रामपुर, दुबौला जाने वाली सड़क चलने योग्य नहीं रह गई है। जो सड़क बनी है उसकी पटरी नहीं बनाई गई है। यहीं के आशीष उपाध्याय ने बताया कि सड़क की पटरी छोड़ दी गई है। इस पर आज तक इंटरला¨कग नहीं कराया गया। दो बड़े वाहन जब आमने-सामने से गुजरते हैं तो दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। रुधौली के पैड़ा से सूर्यनाथ तिवारी, शिव प्रसाद तिवारी ने कहा कि उनके यहां नहर की पटरी पर गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है। डेढ़ साल हो गए किसी ने लोगों की समस्या की सुधि नहीं ली।