खाते में धन डंप कर कमा रहे ब्याज
सीटीओ करेंगे आय व्यय की जांचभ्रष्टाचार मिलने पर दोषी भेजे जाएंगे जेल - डीएम के निरीक्षण में भुगतान और अवकाश में मिली अनियमितता - पूर्व बीईओ इंद्रजीत ओझा को चार्जशीट लेखाकार से जवाब-तलब
बस्ती : खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय के खेल निराले हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम हो या फिर कोई बैठक। आयोजन से लेकर उस पर होने वाला पूरा खर्च यानी हिसाब किताब जुबानी ही चलता है। यह मामला सोमवार को जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन के सामने आया तो वह हैरत में पड़ गए। कहा- मार्केट में आप लोगों की अच्छी क्रेडिट है। बिना भुगतान लिए ही सारे कार्यक्रम संपन्न हो गए। लेखाकार आनंद श्रीवास्तव ने हां में सिर हिलाया। कहा, साहब पूरा धन खाते में पड़ा है। डीएम ने नजर घुमाई तो पास खड़े बीईओ एमएस पटेल थोड़ा सहमे लेकिन हिम्मत कर जवाब दिया हम कुछ दिन पहले ही आए हैं। डीएम ने इसके लिए जिम्मेदार पूर्व खंड शिक्षाधिकारी इंद्रजीत ओझा को चार्जशीट और संविदा लेखाकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन सोमवार को दोपहर 12 बजे यहां पहुंचे। बीआरसी डिलिया स्थित बीईओ कार्यालय के कामकाज की मनमानी कार्यसंस्कृति देख वह काफी नाराज हुए। भुगतान संबंधी कोई अभिलेख भी यहां नहीं मिले। प्रशिक्षण समेत विभिन्न कार्यक्रमों का बजट 11 माह से डंप है। कंट्रीजेंसी, लर्निंगआउट कम परीक्षा की डाटा फीडिग, शिक्षक का मूल्यांकन मानदेय, बच्चों का पुरस्कार, एसएमसी ट्रेनिग के मद में प्राप्त धनराशि अभी तक व्यय नहीं की गई है। इन कार्यक्रमों से संबंधित कोई अभिलेख भी नहीं पाए गए। आकस्मिक अवकाश का रजिस्टर अद्यतन स्थिति में नहीं पाया गया। इस बीआरसी के अंतर्गत कुल 194 विद्यालय संचालित हैं। किसी भी स्कूल के मरम्मत या निर्माण कार्य का कोई ब्योरा नहीं मिला। डीएम ने नवागत बीईओ एमएस पटेल को शाम तक पूरी रिपोर्ट देने को कहा। कन्या सुमंगला योजना में 23 आवेदन लंबित पाए गए। डीएम ने प्रेरणा एप की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर मांगी है। एसएमसी रजिस्टर सभी विद्यालयों पर पहुंचाए जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य कोषाधिकारी डा. श्रीनिवास त्रिपाठी को बीआरसी कार्यालय के लेखा संबंधी जांच करने को कहा। कहा कि भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर दोषियों को जेल भेजा जाएगा।
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बीईओ को पहले भी मिला था नोटिस
सदर बीआरसी पर तैनात रहे बीईओ इंद्रजीत ओझा को छह माह पहले भी तत्कालीन डीएम माला श्रीवास्तव ने शोकाज नोटिस जारी किया था। कस्तूरबा विद्यालय सदर के निरीक्षण में इनके पर्यवेक्षण में कमी पाई गई थी।