Jagran Aapke Dwar : बरेली के गुलाबनगर वार्ड का हाल देखकर हैरान रह जाएंगे आप, ढूंढे नहीं मिलेगा ऐसा वार्ड
Jagran Aapke Dwar शहर का वार्ड 58 नाम गुलाबनगर। यह सुनकर शायद आपके जहन में इस वार्ड में अतिरिक्त सुंदरता सफाई व्यवस्था की छवि उकर आए मगर असल मायनों में ऐसा हरगिज नहीं है। बल्कि इस वार्ड से गंदा शहर में दूसरा वार्ड ढूंढे नहीं मिलेगा।
बरेली, जेएनएन। Jagran Aapke Dwar : शहर का वार्ड 58, नाम गुलाबनगर। यह सुनकर शायद आपके जहन में इस वार्ड में अतिरिक्त सुंदरता, सफाई व्यवस्था की छवि उकर आए, मगर असल मायनों में ऐसा हरगिज नहीं है। बल्कि इस वार्ड से गंदा शहर में दूसरा वार्ड ढूंढे नहीं मिलेगा। गुलाबनगर के बाशिंदों पर गंदगी कहर ढा रही है। सफाई व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। कूड़ा उठाने की व्यवस्था भी इस वार्ड में नहीं। गलियों के नुक्कड़ पर कूड़े के ढेर लगे मिल जाएंगे। सड़कों की दशा तो देखकर ही वार्ड का हाल पता चल जाता है। तमाम अव्यवस्थाओं के बावजूद जनप्रतिनिधि व अधिकारी इस वार्ड पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस कारण यहां के लोग परेशान हैं। रविवार को जागरण आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जागरण की टीम वार्ड में पहुंची तो तमाम अव्यवस्थाओं से रूबरू हुई।
मुहल्ले के बीच डलावघर बना मुसीबत
वार्ड के मुहल्ला चाहवाई के स्वरूप नगर के नुक्कड़ पर बना डलावघर यहां के लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। इस डलावघर में गुलाबनगर के अलावा वार्ड 66 बजरिया पूरनमल और वार्ड 52 बानखाना से भी कूड़ा आता है। सफाई कर्मचारी डलावघर में कूड़ा फेंकते हैं, जो लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। डलावघर से उठने वाली दुर्गंध से लोगों का घर में बैठना भी मुश्किल होता है। सफाई कर्मचारी ठीक से डलावघर को साफ नहीं करते हैं। इस कारण हर वक्त कूड़ा पड़ा रहता है।
नालियों में बह रहा गोबर, चोक पड़े सीवर
छोटे से वार्ड में सबसे अधिक डेयरियां हैं। यहां के घोसियान मुहल्ले में करीब सौ डेयरियां चल रही हैं। इन डेयरियों का गोबर नालियों और सीवर लाइनों में बहाया जा रहा है। इस कारण नाली और सीवर लाइन चोक हो रही हैं। नालियों का पानी रास्तों पर भरने से रास्ते भी खराब हो चुके हैं। सीवर लाइन लोगों के घरों में बैक मारती है। नगर निगम इस पर कार्रवाई नहीं करता है।
मुख्य सड़क हुआ खस्ताहाल, गिर रहे लोग
यहां ज्ञान मेडिकल से संकट मोचन मंदिर आने वाला रोड, बानखाना से घोसियान मुहल्ले को आने वाला रोड और कोहाड़ापीर से आने वाले मार्ग से ही चार वार्ड के लोगों का निकलना है। यह सभी सड़कें पूरी तरह खस्ताहाल हो गई है। इन सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होने के कारण लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। लंबे समय से किसी सड़क का निर्माण यहां नहीं हुआ है।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की सुविधा नहीं
वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की सुविधा अब तक लोगों को नहीं दी गई है। यहां आज भी ढेलों पर ही कूड़ा उठाया जा रहा है। घरों से लोग गलियों व मुहल्लों के नुक्कड़ पर कूड़ा इकट्ठा कर देते हैं। वहां से ढेले वाले कूड़ा उठाकर ले जाकर डलावघर में फेंकते हैं। बाद में कूड़ा पड़ने पर वह दूसरे दिन ही उठ पाता है। इसके अलावा क्षेत्र में तमाम हैंडपंप खराब हैं। कुछ जो सही हैं उनमें भी खराब पानी आ रहा है।
वार्ड एक नजर में
वार्ड नाम : गुलाबनगर
वार्ड संख्या - 58
मुहल्ले : मुख्य दो, आंशिक दो
वोटर : 9,000
आबादी : 20,000
- अजय टेंट हाउस के बराबर गली में मकान हैं। हमारे यहां सीवर लाइन बंद पड़ी है। शिकायत के बाद भी समस्या में सुधार नहीं होता है। प्रदीप शर्मा
- डलावघर से कूड़ा घरों तक पहुंच जाता है। दोपहर 12 बजे कूड़ा उठाने के लिए निगम की टीम आती है। वह भी ठीक से कूड़ा नहीं उठाती है। विजय रानी
- करीब तीन वार्डों का कूड़ा यहां डलावघर पर पड़ता है। कूड़ा सही से उठाया नहीं जाता है। रोजाना काफी कूड़ा पड़ा रहता है। सीवर लाइन चोक है। कुलदीप कुमार सक्सेना
- सड़क नीची हो गई है, इस कारण पानी भर रहा है। सड़क पर गड्ढे होने के कारण लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। नालियों में गोबर भरा रहता है। शकीना
- करीब दो साल पहले ही नाला बनाया गया था, जो आज तक अधूरा ही पड़ा है। अधूरा नाला होने से पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। शहाबुद्दीन
- सड़क का हाल करीब ढाई साल में ही खराब हो गया है। नगर निगम ने लाखों रुपये खर्च कर सीसी सड़क बनाई थी। सड़क पर कई गड्ढे हो गए हैं।
अनीस
पार्षद की बात
पिछले करीब साढ़े चार साल में वार्ड में आधा दर्जन गलियों का ही निर्माण हो पाया है। कुछ लाइटें लगी हैं और थोड़ी साफ-सफाई भी हो जाती है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वार्ड में नहीं चल रहा है। अधिकारियों से कहकर कुछ काम करा लिए जाते हैं। महापौर का रवैया पक्षपात पूर्ण रहता है।
विपुल अग्रवाल (लाला), पार्षद
वर्जन
वार्ड में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक है। डलावघर से कूड़ा उठाने के लिए टीम रोजाना वहां जाती है। सफाई कर्मचारी भी पहुंचते हैं। फिर भी कोई कमी है तो वहां जाकर देखा जाएगा।
डा. अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी