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World Iodine Day : चिकित्सक बोले- आयोडीन से रखें गर्भ में पल रहे शिशु का ख्याल, जानिए कैसे

महिला अस्पताल की सीनियर कंसलटेंट डॉ. किरण बाला ने विश्व आयोडीन दिवस पर बातचीत के दौरान बताया कि गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात नवजात शिशुओं का वजन कम होना शिशु का मृत पैदा होना आदि समस्याएं आती हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:01 AM (IST)
World Iodine Day : चिकित्सक बोले- आयोडीन से रखें गर्भ में पल रहे शिशु का ख्याल, जानिए कैसे
World Iodine Day : चिकित्सक बोले- आयोडीन से रखें गर्भ में पल रहे शिशु का ख्याल, जानिए कैसे

बरेली, जेएनएन। आयोडीन की संतुलित मात्रा हमारे भोजन में होना बहुत जरूरी है। जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडीन का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है। महिला अस्पताल की सीनियर कंसलटेंट डॉ. किरण बाला ने विश्व आयोडीन दिवस पर बातचीत के दौरान बताया कि गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना आदि समस्याएं आती हैं।

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आयोडीन हमारे शरीर के तापमान को नियमित करने में मदद करता है, जिससे सर्दी-गर्मी को हमारा शरीर सह पाता है। कई प्रकार के आयोडीन की कमी के लक्षण स्पष्ट नहीं हो पाते हैं इसके लिए यूरिन या ब्लड टेस्ट करवाना ठीक रहता है, जिससे आयोडीन के लेवल को आसानी से चेक किया जा सकता है। आयोडीन ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट रेट को नियमित रखता है तथा मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है। इसके आम लक्षणवरिष्ठ चिकित्सक डा. शुचिता ने बताया कि त्वचा का सूखापन, नाखूनों और बालों का टूटना, कब्ज और भारी और कर्कश आवाज आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसकी कमी से वजन बढ़ने लगता है, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और सर्दी बहुत अधिक लगती है।

असल में इसकी कमी से दिमाग बहुत धीमी गति से काम करता है और इससे दिमागी विकार भी हो सकते हैं। चेहरा फूल जाये या गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइरॉइड ग्लैंड में सूजन) आ जाये तो यह आयोडिन की कमी के लक्षण होते हैं, क्योंकि तब थाइरॉइड हॉर्मोन का बनना सामान्य से कम हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा आ जाती है।

यह लक्षण आएं तो समझ लें आयोडीन की कमी

हमेशा थकान महसूस हो या जब दूसरों को गर्मी लग रही हो, उस वक्त आपको यदि ठंड महसूस हो।

काम में एकाग्रता की कमी होना या चीजों को लगातार भूलना। अचानक वजन का बढ़ना। चेहरे पर सूजन आ जाना। बालों का तेजी से झड़ना। कब्ज की शिकायत होना। त्वचा का शुष्क हो जाना। थायरॉइड ग्लैंड के बढ़ने से ठुड्डी और गर्दन के हिस्से का फैल जाना।

इन्हें खाने में करें शामिल

भुने आलू : भुने हुए आलू में लगभग 40 प्रतिशत आयोडीन पाया जाता है।

दूध : एक कप दूध में लगभग 56 माइक्रोग्राम आयोडीन पाया जाता है, साथ ही इसमें कैल्शियम और विटामिन-डी भी मिलता है।

मुनक्का : रोज तीन मुन्नके खाने से 34 माइक्रोग्राम आयोडीन आपके शरीर में जाता है।

दही : दही में लगभग 80 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है, जो दिनभर की कमी को पूरा करता है।


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